GST reforms : विपक्ष शासित राज्यों ने मांग रखी है कि GST रेट राशनलाइजेशन के साथ 5 साल के लिए एडिशनल लेवी लगाई जाए। इन राज्यों को रेवेन्यू घटने की चिंता सता रही है। कल 29 अगस्त को एक साझा बैठक के बाद केरल के वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों का रेवेन्यू अभी भी GST लागू होने से पहले की तुलना में 5 फीसदी कम है। विपक्ष के राज्य रैशनलाइजेशन के खिलाफ नहीं लेकिन उन्हें राज्यों के रेवेन्यू की भी चिंता है। उनका कहना है कि रिफॉर्म के बाद जनता को इसका फायदा मिलना चाहिए।
विपक्षी राज्यों की इस बैठक में कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के वित्तमंत्री शामिल हुए। इन राज्यों ने GST काउंसिल की बैठक से पहले अपनी रणनीति तैयार की है। झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि BJP शासित राज्यों की चिंता भी यही है,लेकिन वो खुलकर नहीं बोल सकते।
GST पर विपक्ष शासित राज्य
GST पर विपक्ष शासित राज्यों का कहना है कि GST रिफॉर्म से राज्यों को करीब 20 फीसदी रेवेन्यू लॉस होगा। राज्यों के नुकसान का खमियाजा आम लोगों को भुगतना होगा। इससे बचने के लिए राज्यों के नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए। 5 साल तक एडिशनल लेवी लगाया जाना चाहिए। BJP शासित राज्य खुल कर बोल नहीं सकते। राज्य GST काउंसिल में सिर्फ रबर स्टैंप नहीं बन सकते। रिफॉर्म के साथ राज्यों का रेवेन्यू भी सुरक्षित रहना चाहिए। दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को भी मिलना चाहिए।
विपक्ष शासित राज्यों का कहना है कि अभी कलेक्शन प्री-GST रेवेन्यू से करीब 5 फीसदी कम है। रेवेन्यू में बढ़ोत्तरी की बात गलत साबित हुई हुई है। GST का फायदा गिनी चुनी कंपनियों को ही हो रहा है।