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BTech में प्रवेश लेने के तीन साल बाद छोड़ा आईआईटी तो मिलेगी बीएससी की डिग्री, जानें क्या है ये नया बदलाव और क्या होगा फायदा?

BTech में प्रवेश लेने के बाद अगर पढ़ाई में मुश्किल महसूस कर रहे हैं। तीन साल की पढ़ाई करने के बाद अब बीटेक छात्रों के बाद बाहर निकलने का विकल्प होगा। ऐसे छात्रों को बीएससी की डिग्री मिल सकेगी। ये सुविधा अभी आईआईटी मद्रास ने शुरू की है और इसके लिए कुछ शर्तें होंगी, जिन्हें पूरा करना होगा।

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 15, 2025 पर 7:41 PM
BTech में प्रवेश लेने के तीन साल बाद छोड़ा आईआईटी तो मिलेगी बीएससी की डिग्री, जानें क्या है ये नया बदलाव और क्या होगा फायदा?
आईआईटी मद्रास ऐसे छात्रों को तीन साल बाद बीएससी डिग्री के साथ बाहर निकलने का विकल्प देगा।

BTech में प्रवेश लेने वाले बहुत से छात्र हर साल अपना पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसे छात्र किसी हारे हुए इंसान की तरह या तो आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थान से बाहर हो जाते हैं या कोई गंभीर और जानलेवा कदम उठा लेते हैं। लेकिन आईआईटी मद्रास ने एक नई पहल शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत संस्थान में बीटेक की डिग्री पूरी तरने में मुश्किलों का सामना करने वाले छात्रों को एक तर्कसंगत विकल्प प्रदान किया जाएगा। आईआईटी मद्रास ऐसे छात्रों को तीन साल बाद बीएससी डिग्री के साथ बाहर निकलने का विकल्प देगा। हालांकि, बीएससी डिग्री प्राप्त करने के योग्य होने के लिए उन्हें 400 क्रेडिट में से 250 क्रेडिट हासिल करने होंगे।

इस विकल्प का पहला इस्तेमाल 2024 बैच के छात्र 2027 से कर सकेंगे। संस्थान इस शैक्षिक वर्ष से वरिष्ठ छात्रों के लिए भी इसे उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। हालांकि, इन छात्रों को बीएससी डिग्री चुनने से पहले कम से कम एक बार डिग्री पूरी करने की कोशिश करनी चाहिए।

आईआईटी मद्रास के डीन (एकेडमिक कोर्सेज) प्रोफेसर प्रताप हरिदोस ने बताया, ‘हम स्पेशलाइजेशन के साथ बीएससी डिग्री देने की भी योजना बना रहे हैं। हर डिपार्टमेंट स्पेशलाइजेशन के लिए जरूरी कोर क्रेडिट की संख्या बताएगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह बीएससी डिग्री छात्रों को एमबीए सहित हायर एजुकेशन में शामिल होने और सिविल सेवा परीक्षा के लिए भी मदद करेगी। जो लोग कोर्स छोड़ देते हैं, वे बाद में हमारी ऑनलाइन बीएस डिग्री में भी शामिल हो सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘यह विकल्प ऐसे छात्रों को डिग्री हासिल करने में मदद करेगा।’ उन्होंने बताया कि डिग्री प्रोग्राम में कई एंट्री और एग्जिट नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के मुख्य प्रावधानों में से एक है।

आईआईटी मद्रास ने छात्रों पर शैक्षिक दबाव कम करने के लिए पहले कई सुधार भी किए हैं, जिसमें प्रति सेमेस्टर जरूरी मिनिमम क्रेडिट की संख्या में 10% की कमी करना शामिल है। हरिदोस ने कहा, ‘एक छात्र एक सेमेस्टर में आसानी से 66 क्रेडिट हासिल कर सकता है। लेकिन हमने एक सेमेस्टर में जरूरी मिनिमम क्रेडिट की संख्या घटाकर 50 क्रेडिट कर दी है। जिन स्टूडेंट्स का सीजीपीए ज्यादा होगा, उन्हें एक सेमेस्टर में ज्यादा क्रेडिट करने की इजाजत होगी।’

इसके अलावा, IIT मद्रास ने BTech प्रोग्राम में 40% तक कोर्स को इलेक्टिव बना दिया है ताकि स्टूडेंट्स अपनी पसंद के सब्जेक्ट चुन सकें। इसने स्टूडेंट्स को ज़्यादा ऑप्शन देने के लिए इंटरडिसिप्लिनरी डुअल डिग्री और माइनर डिग्री भी शुरू की हैं।

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