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NEET Success Story: मेडिकल में दाखिले तक का सफर तय करने वाली दिदाई जनजाति की पहली छात्रा बनीं चंपा रस्पेड़ा

NEET Success Story: चंपा ओडिशा के मलकानगिरी क्षेत्र से हैं और उन्हें बालासोर के फकीर मोहन मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में एमबीबीएस में दाखिला मिला है। चंपा ओडिशा के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीजीवीटी) से हैं।

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 21, 2025 पर 12:45 PM
NEET Success Story: मेडिकल में दाखिले तक का सफर तय करने वाली दिदाई जनजाति की पहली छात्रा बनीं चंपा रस्पेड़ा
ओडिशा के दिदाई जनजातीय समूह से नीट परीक्षा पास करने वाली पहले छात्रा बनीं चंपा।

ओडिशा के दिदाई जनजाती की चंपा रास्पेड़ा ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा सफलतापूर्वक पास कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। अपनी मेहनत और जज्बे के दम पर चंपा ने वो कर दिखाया है, जिसे करने में साधारण छात्रों के पसीने छूट जाते हैं। चंपा ओडिशा के मलकानगिरी क्षेत्र से हैं और उन्हें बालासोर के फकीर मोहन मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में एमबीबीएस में दाखिला मिला है। चंपा ओडिशा के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीजीवीटी) से हैं।

ये कहानी है संघर्ष और उम्मीद की

चंपा रास्पेड़ा की कहानी जिंदगी की कठिनाइयों से जूझ़ते हुए सफलता का शिखर की कहानी है। चंपा मलकानगिरी जिले के कोरुकोंडा ब्लॉक की अमलीबेड़ा गांव की रहने वाली हैं, जहां उनके पिता लछमू रास्पेड़ा एक छोटे किसान हैं और मां गृहिणी हैं। परिवार की वित्तीय चुनौतियों के बावजूद चंपा ने दृढ़ निश्चय के साथ अपनी पढ़ाई को जारी रखा।

उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई नंदिनीगुड़ा के एससी/एसटी डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के अंर्तगत आने वाले पीजीवीटी गर्ल्स एजुकेशन कॉम्प्लेक्स से की। इसके बाद वह चित्रकोंडा स्थित एसएसडी गर्ल्स हाईस्कूल गईं, जहां से 2019 में उन्होंने 10वीं कक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा गोविंदपल्ली स्थित एसएसडी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से 2021 में पास की।

पैसों की तंगी की वजह से उन्हें अपनी बीएससी की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। हालांकि अपनी पूर्व साइंस टीचर उत्कला केशरी दाश के प्रोत्साहन से उन्होंने बालासोर में फ्री नीट कोचिंग क्लास में दाखिला लिया। यहां उनके डॉक्टर बनने के सपने को नई ताकत मिली।

सरकार और समुदाय का मिला साथ

ओडिशा सरकार ने अपने वक्तव्य में कहा कि राज्य के जनजातीय समुदाय के छात्रों हाल के वर्षों में काफी अच्छी तरक्की की है। यह उपलब्धि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में खासतौर से देखने को मिली है। जनजातीय समुदाय के कई छात्रों ने नीट की परीक्षा पास कर सरकारी मेडिकॉल कॉलेजों में दाखिल लिया है।

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