Bihar Elections 2025: मुस्लिम बहुल सीटों पर NDA का दबदबा, क्या यही है महागठबंधन की करारी हार की वजह?

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मुस्लिम-बहुल इलाकों में एनडीए को अप्रत्याशित बढ़त मिल रही है। RJD और कांग्रेस कई पारंपरिक सीटों पर पीछे हैं। यह नतीजे बिहार की राजनीति में बदलते मुस्लिम वोट पैटर्न की ओर इशारा करते हैं। समझिए पूरी तस्वीर।

अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 4:25 PM
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दूसरे चरण में जिन 32 मुस्लिम-बहुल सीटों पर वोटिंग हुई, वहां इस बार औसत मतदान 74.5% रहा।

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना और शुरुआती रुझानों में एनडीए (NDA) को मुस्लिम-बहुल इलाकों में अप्रत्याशित बढ़त मिलती दिखाई दी। यह फैक्टर बिहार की राजनीतिक दिशा में अहम बदलाव का संकेत दे रहे हैं।

मुस्लिम सीटों पर NDA की मजबूत पकड़

Moneycontrol के ताजा विश्लेषण के मुताबिक, इस बार एनडीए 71.9% मुस्लिम-बहुल सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं, 2020 के चुनावों में यह आंकड़ा 56.3% था। यानी, एनडीए ने इन इलाकों में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है।


कहां-कहां आगे है एनडीए

चुनाव आयोग के ताजा रुझानों के मुताबिक, एनडीए को कई अहम मुस्लिम-बहुल सीटों पर बढ़त मिली है।

  • अररिया: जेडीयू (JD-U) की शगुफ्ता अजीम आगे
  • दरभंगा: बीजेपी के संजय सरावगी आगे
  • चैनपुर: जेडीयू के जमां खान आगे
  • पूर्णिया: बीजेपी के विजय कुमार खेमका आगे
  • सीतामढ़ी: बीजेपी के सुनील कुमार पिंटू आगे

ये रुझान दिखाते हैं कि मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में भी एनडीए को इस बार अप्रत्याशित समर्थन मिला है।

मुस्लिम-बहुल इलाकों में रिकॉर्ड मतदान

दूसरे चरण में जिन 32 मुस्लिम-बहुल सीटों पर वोटिंग हुई, वहां इस बार औसत मतदान 74.5% रहा। यह 2020 की तुलना में 12.9 प्रतिशत अंक अधिक है, जब औसत वोटिंग 60.2% थी। ये सीटें मुख्य रूप से सीमांचल और कोशी क्षेत्र में हैं, जो परंपरागत रूप से धर्मनिरपेक्ष गठबंधनों का गढ़ माने जाते रहे हैं।

जिलेवार मुस्लिम आबादी और विधानसभा सीटें

2011 की जनगणना के मुताबिक, मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में आबादी कुछ इस तरह है।

जिला (District) मुस्लिम आबादी (%)
विधानसभा सीटें (संख्या)
किशनगंज (Kishanganj) 68% 4
कटिहार (Katihar) 62% 7
अररिया (Araria) 41% 6
पूर्णिया (Purnia) 37% 7
दरभंगा (Darbhanga) 23% 10
पूर्वी चंपारण (East Champaran) 22% 12
सीतामढ़ी (Sitamarhi) 21% 7

इन आंकड़ों से साफ है कि बिहार की राजनीति में मुस्लिम वोट का असर निर्णायक रहा है।

RJD और कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ीं

इतिहास में मुस्लिम वोटर हमेशा सेक्युलर गठबंधनों के साथ रहे हैं। लेकिन इस बार के रुझानों में इस वोट बैंक में दरार दिख रही है। लेटेस्ट ट्रेंड के मुताबिक, आरजेडी (RJD) उन 7 मुस्लिम-बहुल सीटों पर पीछे चल रही है, जिन्हें उसने 2020 में जीता था। वहीं कांग्रेस भी अपनी 4 मुस्लिम-बहुल सीटों पर पिछड़ रही है।

2020 के चुनाव में आरजेडी ने ऐसी 18 सीटें, और कांग्रेस ने 6 सीटें जीती थीं। इस बार का रुझान बताता है कि एनडीए धीरे-धीरे मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाता दिख रहा है।

मुस्लिम वोटिंग पैटर्न में बदलाव

2022 की बिहार सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, मुसलमान राज्य की कुल आबादी का 17.7% हिस्सा हैं। 2015 में लगभग 80% मुस्लिम वोट और 2020 में 77% मुस्लिम वोट महागठबंधन (MGB) को मिले थे। लेकिन 2025 के रुझानों से संकेत मिलता है कि इस बार मुसलमानों का एक वर्ग एनडीए की ओर भी झुकता नजर आ रहा है।

बदलता वोट समीकरण

एनडीए की यह बढ़त सिर्फ चुनावी आंकड़ों से कहीं ज्यादा मायने रखती है। यह नतीजे बताते हैं कि बिहार में अब मुस्लिम-बहुल इलाकों में भी पारंपरिक वोट पैटर्न टूट रहा है। अगर यह रुझान नतीजों में बदलता है, तो बिहार की राजनीति में यह एक बड़ा वैचारिक और रणनीतिक मोड़ साबित हो सकता है।

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