Bihar Assembly Elections : बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासत तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने रविवार (28 सितंबर) को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है और कोई भी विभाग घोटालों से बचा नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सामने आकर इसका जवाब देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण सिर्फ JDU-BJP ही नहीं बल्कि कई अधिकारी भी डरे हुए हैं। खासकर डीके गिरोह की छत्रछाया में काम करने वाले अधिकारी अधिक चिंतित हैं। तेजस्वी का आरोप था कि पिछली बार इन्हीं अधिकारियों ने विपक्ष को सत्ता में आने से रोका था, लेकिन इस बार जनता सतर्क है और महागठबंधन सरकार बनने पर भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बिहार बजट को लेकर उठाए सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में तेजस्वी ने नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और उसके बाद केंद्र व राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार की वित्तीय नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सरकार के पास कुल बजट 3 लाख 95 हजार करोड़ रुपए है तो उसमें से स्कीम के लिए 1 लाख 95 हजार करोड़ बचता है, लेकिन उसमें भी कमिटेड राशि शामिल है। उन्होंने कहा कि मई से सितंबर तक पीएम मोदी ने 1 लाख 15 हजार करोड़ की घोषणाएं कीं और नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान 50 हजार करोड़ की योजनाओं का ऐलान किया. दोनों को मिलाकर यह आंकड़ा 7 लाख 8 हज़ार करोड़ से ज्यादा हो जाता है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा- 'इतना पैसा कहां से आएगा? ऐसे में असल राजस्व कितना आ रहा है और सरकार इसे बढ़ाने के लिए क्या कर रही है, इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए।
'एक रुपये से बिहार के बच्चों का भविष्य खरीदना चाहते'
वहीं, महिला योजनाओं पर भी तेजस्वी ने नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि 20 साल बाद महिलाओं को चुनाव से पहले अब सिर्फ 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। अगर इसका गुणा - भागा किया जाए तो, हर साल सिर्फ 500 रुपए, हर महीने केवल 41.66 रुपया और हर दिन 1.38 रुपए नीतीश सरकार ने दिया है। क्या यह महिलाओं को ठगने की चतुराई नहीं है? इसके मुकाबले महागठबंधन ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर हर महिला के खाते में हर महीने 2500 रुपए दिए जाएंगे, जो वापस नहीं लिया जाएगा।
इसके साथ ही तेजस्वी ने नीतीश कुमार को 'भ्रष्टाचार के धृतराष्ट्र' बताते हुए कहा कि राज्य में इंजीनियरों और अधिकारियों के घरों से करोड़ों रुपए नकद बरामद हो रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि वे भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों की संपत्ति व काला धन सार्वजनिक करेंगे।
वहीं, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महागठबंधन की सरकार बनी तो उनकी अपनी योजनाएं होंगी और भ्रष्टाचार पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। तेजस्वी ने कहा कि 2020 से वे लगातार सवाल उठा रहे हैं लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दौरान तेजस्वी ने याद दिलाया कि जन सुराज के प्रशांत किशोर पहले ही मंत्री अशोक चौधरी, मंगल पांडे, सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और एक सांसद पर करप्शन के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। अब विपक्ष के तौर पर वे खुद भी इस मुद्दे को जनता के सामने ला रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले प्रशांत किशोर ने भी JDU और BJP के मंत्रियों पर आरोप लगा चुके है, उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार के मंत्रियों ने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार किया है। उनके मुताबिक मंत्री अशोक चौधरी ने अपने पद का इस्तेमाल कर 200 करोड़ रुपए से अधिक की जमीन खरीदी। यह जमीनें अशोक चौधरी की बेटी की सगाई से लेकर शादी तक के बीच खरीदी गई थीं। इन आरोपों पर अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को 100 करोड़ की मानहानि का लीगल नोटिस भेजा था।
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