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बिहार चुनाव के नतीजों से किसे सबसे ज्यादा फायदा, किसे सबसे ज्यादा नुकसान?

14 नवंबर को यह साफ हो गया कि मतदाता एक बार फिर बिहार में एनडीए की सरकार चाहते हैं। मतदाताओं पर सत्ता विरोधी लहर का असर नहीं दिखा। यह गौरतलब है कि बीच के कुछ समय को छोड़ दिया जाए तो नीतीश कुमार 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं

Rakesh Ranjanअपडेटेड Nov 14, 2025 पर 10:58 PM
बिहार चुनाव के नतीजों से किसे सबसे ज्यादा फायदा, किसे सबसे ज्यादा नुकसान?
नीतीश कुमार के लिए अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहने का रास्ता साफ हो गया है।

बिहार के मतदाताओ ने अपना फैसला सुना दिया है। इस बार चुनावों के नतीजे स्पष्ट हैं। मतदाता एक बार फिर राज्य में एनडीए की सरकार चाहते हैं। मतदाताओं पर सत्ता विरोधी लहर का असर नहीं दिखा। यह गौरतलब है कि बीच के कुछ समय को छोड़ दिया जाए तो नीतीश कुमार 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने के श्री कृष्ण सिन्हा के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पद की सबसे ज्यादा बार शपथ लेने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। साफ है कि इस बार के चुनाव नतीजों से सबसे ज्यादा फायदा नीतीश कुमार को हुआ है। आइए जानते हैं और किन दूसरे लोगों को इस चुनाव से फायदा हुआ है।

नीतीश कुमार के लिए और 5 साल सीएम बनने का रास्ता साफ

नीतीश कुमार के लिए अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव प्रचारों के दौरान उन्होंने मतदाताओं से आखिरी बार अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। तब यह माना गया था कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो वह आखिरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन, इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर एक बार भरोसा किया। एनडीए ने उनके नेतृत्व में मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। नीतीश कुमार इस बार एनडीए की जीत के सबसे बड़े नायक बनकर उभरे हैं।

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