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Bihar Chunav 2025: 'नेताओं का वापस लाना, पार्टी में बदलाव' BJP का ऑपरेशन शाहाबाद, बिहार में खोए गढ़ को वापस पाने की योजना

Bihar Election 2025: भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर को मिलाकर बना शाहाबाद कभी NDA का गढ़ हुआ करता था, लेकिन अब यह उसकी सबसे कमजोर कड़ी बन गया है। पिछले दो बड़े चुनावों में गठबंधन को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा है। शाहाबाद की 22 सीटों में से NDA को सिर्फ 2 सीटें मिलीं और दोनों ही BJP की जीत थीं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 30, 2025 पर 9:13 PM
Bihar Chunav 2025: 'नेताओं का वापस लाना, पार्टी में बदलाव' BJP का ऑपरेशन शाहाबाद, बिहार में खोए गढ़ को वापस पाने की योजना
Bihar Chunav 2025: BJP का ऑपरेशन शाहाबाद, बिहार में खोए गढ़ को वापस पाने की योजना

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से हुई मुलाकात को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले BJP का नया मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है। इस कदम से प्रभावशाली कुशवाहा और राजपूत समुदायों को NDA के पाले में वापस लाने में मदद मिलने की उम्मीद है, खासतौर से शाहाबाद और मगध इलाकों में, जहां NDA को हाल के सालों में काफी संघर्ष करना पड़ा है।

भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर को मिलाकर बना शाहाबाद कभी NDA का गढ़ हुआ करता था, लेकिन अब यह उसकी सबसे कमजोर कड़ी बन गया है। पिछले दो बड़े चुनावों में गठबंधन को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा है।

शाहाबाद की 22 सीटों में से NDA को सिर्फ 2 सीटें मिलीं और दोनों ही BJP की जीत थीं। JDU और उसके सहयोगी दल एक भी सीट नहीं जीत पाए। मगध के पड़ोसी जिलों जैसे अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और नवादा को जोड़ दें, तो तस्वीर और भी निराशाजनक हो गई, जहां NDA खाता भी नहीं खोल पाया।

यह गिरावट जारी रही। NDA शाहाबाद की चारों सीटें- आरा, बक्सर, सासाराम और काराकाट, खासकर राजपूत और कुशवाहा वोटों के बंटवारे के कारण हार गया। काराकाट में उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर रहे, क्योंकि पवन सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। आरा में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह हार गए। मगध के जहानाबाद और औरंगाबाद में भी NDA के उम्मीदवार जीते।

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