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'130 सीटें मिलीं तो ये मेरी बहुत बड़ी हार होगी', क्या बिहार में उस नेता की बराबरी करना चाहते हैं PK जिसे लालू मानते हैं अपना आदर्श

प्रशांत किशोर यह दावा कई बार कर चुके हैं कि उनकी पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में 130 से 140 सीटें जीतती है तो यह बहुत बड़ी हार होगी। हालांकि प्रशांत ये नहीं बताते कि वह आखिर कितनी सीटों का अनुमान लगा रहे हैं। मतलब 130 से 140 सीटों पर बहुत बड़ी हार है तो क्या उनकी पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में 160-170 या उससे भी ज्यादा सीटें जीतने जा रही है

Arun Tiwariअपडेटेड May 24, 2025 पर 6:27 PM
'130 सीटें मिलीं तो ये मेरी बहुत बड़ी हार होगी', क्या बिहार में उस नेता की बराबरी करना चाहते हैं PK जिसे लालू मानते हैं अपना आदर्श
Bihar Chunav 2025: क्या बिहार में उस नेता की बराबरी करना चाहते हैं PK जिसे लालू मानते हैं अपना आदर्श

'अगर 130-140 सीट आई तो मैं उसको अपनी बहुत बड़ी हार मानूंगा. मैं अपने जीवन की बहुत बड़ी हार मानूंगा कि तीन साल, मेरे जीवन का सब कुछ, मेरा अनुभव, मेरा प्रयास, संसाधन, मेरा सब कुछ, मेरा जीवन मैंने दांव पर लगाया है उसके बाद अगर 130 सीट आए तो मैं उसको व्यक्तिगत हार मानूंगा. जन सुराज की हार मानूंगा. अर्श पर या फर्श पर.. बीच में नहीं.'

मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जब बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर भविष्यवाणी करते हैं तो बेहद आत्मविश्वास से भरे हुए होते हैं। प्रशांत किशोर ने अपने जनसुराज अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2022 को की थी। इस अभियान के तहत वो बिहार के गांव-गांव घूमे हैं और अब जनसुराज पार्टी के नाम से चुनाव में हिस्सा लेने को तैयार हैं। प्रशांत किशोर बीच-बीच में मीडिया से बातचीत भी करते रहते हैं और ऐसे दावे करते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं।

प्रशांत किशोर यह दावा कई बार कर चुके हैं कि उनकी पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में 130 से 140 सीटें जीतती है तो यह बहुत बड़ी हार होगी। हालांकि प्रशांत ये नहीं बताते कि वह आखिर कितनी सीटों का अनुमान लगा रहे हैं। मतलब 130 से 140 सीटों पर बहुत बड़ी हार है तो क्या उनकी पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में 160-170 या उससे भी ज्यादा सीटें जीतने जा रही है!

हालांकि उन्होंने इस पर कुछ कहा नहीं तो केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है। लेकिन अगर आजादी के बार बिहार की चुनावी राजनीति को देखें तो PK का दावा महज मनोवैज्ञानिक उद्गार से ज्यादा कुछ नहीं लगता। यह अपने कार्यकर्ताओं में सकारात्मक ऊर्जा भरने का प्रयास हो सकता है। इससे ज्यादा तो कुछ नहीं। क्योंकि बिहार में लगभग 72 फीसदी सीट हासिल करने का कारनामा केवल एक नेता कर सका है। वह नेता कर्पूरी ठाकुर हैं। 1977 में बिहार विधानसभा चुनाव में कर्पूरी ठाकुर की अगुवाई में जनता पार्टी ने संयुक्त बिहार (आज का झारखंड भी) की 324 में से 214 सीटें जीती थीं।

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