बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के बीच सीटों के बंटवारे का खाका लगभग तय हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि BJP और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच आम सहमति बन गई है और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है। उभरते फॉर्मूले के अनुसार, JDU के 102 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है, जबकि भाजपा को 101 सीटें मिलेंगी। यह गणित बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के "BJP से कम से कम एक सीट ज्यादा" के आग्रह को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
इस बीच, सूत्रों का कहना है कि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 20 सीटें दिए जाने की उम्मीद है। यह बंटवारा 2020 के विधानसभा चुनावों से थोड़ा हटकर है, जब JDU ने 115 और BJP ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। उस समय छोटे सहयोगी दलों- जीतन राम मांझी की HAM को सात और मुकेश सहनी की VIP को 11 सीटें दी गई थीं।
चिराग पासवान ने सोमवार को जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी सम्मानजनक संख्या में सीटों से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेगी, हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि उनकी पार्टी कितनी सीटों को "सम्मानजनक" मानती है।
उन्होंने कहा, "हम अपनी पार्टी को आवंटित सीटों की सम्मानजनक संख्या पर समझौता नहीं करेंगे।" भाजपा सूत्रों का कहना है कि पासवान 40 सीटें चाहते हैं, लेकिन गठबंधन 20 से ज्यादा सीटें देने की स्थिति में नहीं हो सकता।
वर्तमान व्यवस्था यह दिखाती है कि बिहार में NDA की रणनीति में JDU-BJP गठबंधन की अहम भूमिका बनी हुई है, भले ही गठबंधन का स्वरूप बदल रहा हो।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कभी-कभी तनाव के बावजूद, जेडीयू और बीजेपी राज्य के चुनावी गणित में एक-दूसरे के लिए अनिवार्य बने हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) बिहार के सभी जिलों के महत्वपूर्ण नेताओं के साथ 24 और 25 सितंबर को उम्मीदवार चयन के लिए बैठक करेगी। इस दो दिन की बैठक के दौरान, राज्य अध्यक्ष दिलीप जायसवाल संगठन की स्थिति और किन सीटों को सहयोगी दल किसी भी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, इसका पता लगाएंगे।
NDA सहयोगियों के बीच आधिकारिक सीट-विभाजन की बातचीत 3 अक्टूबर के बाद ही होगी। सूत्रों के अनुसार, बड़े दलों के सीटें तय होने के बाद ही छोटे सहयोगियों के लिए सीट बंटवारा किया जाएगा।