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Bihar Chunav: RJD का ‘M-Y’ समीकरण बिखरा तो बदल जाएगी पूरे बिहार चुनाव की तस्वीर, मुस्लिम वोटों के कई दावेदार, समुदाय से अब तक केवल 1 CM

Bihar Election 2025: बिहार में आजादी के बाद से अब तक केवल एक बार मुख्यमंत्री मुस्लिम समुदाय से बना है। वह भी 70 के दशक में। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे अब्दुल गफूर को 1973 में इंदिरा गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया था

Arun Tiwariअपडेटेड Apr 18, 2025 पर 1:17 PM
Bihar Chunav: RJD का ‘M-Y’ समीकरण बिखरा तो बदल जाएगी पूरे बिहार चुनाव की तस्वीर, मुस्लिम वोटों के कई दावेदार, समुदाय से अब तक केवल 1 CM
Bihar Chunav: RJD का ‘M-Y’ समीकरण बिखरा तो बदल जाएगी पूरे बिहार चुनाव की तस्वीर

नया वक्फ कानून आने के बाद बिहार में अल्पसंख्यक मतों को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच रस्साकशी और बढ़ने जा रही है। राज्य में बीते 35 सालों से अल्पसंख्यक वोटों का झुकाव लालू यादव और उनसे जुड़े गठबंधन की तरफ रहा है। 1990 से लालू यादव ने यादव और मुस्लिम वोटों का ऐसा गठजोड़ तैयार किया था जिसकी बदौलत वह करीब 15 वर्ष तक सत्ता में रहे। बीजेपी के साथ रहने के बावजूद कुछ अल्पसंख्यक वोट नीतीश कुमार की तरफ भी जाता रहा है। लेकिन इस बार कहानी थोड़ी अलग है।

प्रशांत किशोर भी कर रहे मुस्लिम वोटों पर दावेदारी

बिहार में इस बार के विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक वोटों की तरफ परंपरागत RJD-कांग्रेस के अलावा प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी बड़ी दावेदारी कर रही है। इसके अलावा बीते विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीमांचल से पांच सीटें जीतने वाली AIMIM भी पूरा जोर लगाएगी। पिछले चुनाव में अमौर, कोचाधाम, जोकीहाट, बायसी, और बहादुरगंज सीट से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी जीते थे।

लालू से पहले किसे मिलते थे वोट

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