बिहार अपने निर्णायक 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटा है। ऐसे में राजनीतिक विषलेश्कों की नजरें उन चुनिंदा विधानसभा क्षेत्रों पर टिकी हैं, जिन्हें स्विंग सीटें कहा जाता है- ऐसे इलाके जहां पिछले चुनावों में जीत का मामूली अंतर इस बात का संकेत है कि मतदाताओं के रुझान में थोड़ा सा भी बदलाव बाजी पलट सकता है। ये चुनावी मैदान सिर्फ नक्शे पर दिखाई देने वाले इलाके नहीं हैं; ये बिहार के राजनीतिक ड्रामे की असली धड़कन हैं, जहां गठबंधन, जातिगत समीकरण और उम्मीदवारों का करिश्मा आपस में टकराकर तय करते हैं कि अगली सरकार कौन बनाएगा। वोटर लिस्ट के नए सिरे से अपडेट होने और गठबंधनों के नए सिरे से तालमेल बिठाने के साथ, हिलसा से बखरी तक की ये स्विंग सीटें चुनावी रोमांच और रणनीतिक रणक्षेत्रों का प्रतीक हैं जो, आखिरकार बिहार के राजनीतिक भविष्य तय कर सकते हैं।
