Get App

बिहार चुनाव 2025: नीतीश के खिलाफ नाराजगी नहीं, लेकिन रोजगार और जाति के सवाल बने चुनौती!

Bihar Chunav 2025: नीतीश कुमार की दिमागी हालत भी मतदाताओं के लिए ज्यादा चिंता का विषय नहीं लगता। बिहारशरीफ में एक समूह अपने ताश के खेल के बारे में कहता है, "उमर हो गई है...पर बीमार भी होंगे तो काम तो करवाना है ना, अभी तक करवाएं हैं तो आगे भी करवाएंगे।" नीतीश कुमार की व्यक्तिगत ईमानदारी पर उनके आलोचक भी सवाल नहीं उठाते

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 02, 2025 पर 3:37 PM
बिहार चुनाव 2025: नीतीश के खिलाफ नाराजगी नहीं, लेकिन रोजगार और जाति के सवाल बने चुनौती!
बिहार चुनाव 2025: नीतीश के खिलाफ नाराजगी नहीं, लेकिन रोजगार और जाति के सवाल बने चुनौती!

"यहां पर अस्पताल है...रेफरल अस्पताल, सड़क भी बायपास बना हुआ है...स्कूल है, इंटर तक का...टीचर आते हैं...अच्छा पढ़ाते हैं...लेकिन हम इंटर के बाद छोड़ दिए। क्या होगा पढ़कर नौकरी तो मिलेगी नहीं है," स्कूल छोड़ने वाले रमेश पटेल तथ्यों के साथ ये बात कहते हैं। पटेल बिहार के नालंदा जिले के कल्याण बिगहा के रहने वाले हैं। वह, गांव के दूसरे लोगों की तरह, नीतीश कुमार की पार्टी को वोट देंगे, लेकिन तेजस्वी यादव से सहमत हैं कि बेरोजगारी बिहारी युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।

दरभंगा की श्वेता कुमारी भी कुछ ऐसा ही कहती हैं। श्वेता और उसकी सहेलियां बिहार पुलिस कांस्टेबल की लिखित परीक्षा पास कर चुकी हैं और फिजिकल टेस्ट की तैयारी के लिए अपने गांव की सड़क पर दौड़ रही थीं, तभी CNN-News18 ने उन तीनों से बात की।

श्वेता हांफते हुए कहती है, "अभी पंचमी (दुर्गा पूजा) के दिन परिणाम आया है। कई बार पेपर लीक हो जाता था पर इस बार सही से परीक्षा हो गई।"

उसकी दोस्त पल्लवी इसका जवाब देती है कि सरकारी नौकरी की इतनी लालसा क्यों है? वह कहती है, "सरकारी नौकरी का अलग फायदा है। प्राइवेट में निकल देते हैं। यहां छुट्टी भी सही से मिलती है।"

सब समाचार

+ और भी पढ़ें