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केवल बिहार चुनाव नहीं, जातीय जनगणना के पीछे ये है BJP की रणनीति! पूरे देश में हो सकता है असर

Bihar Chunav 2025: सपा, राजद समेत अन्य विपक्षी दल भी इसे अपनी जीत बता रहे हैं। दूसरी तरफ बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने इस निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया है। जबकि अभी तक जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी का स्टैंड उलट रहा है। सवाल यह है कि जातीय जनगणना को लेकर भविष्य में राजनीति कैसा आकार लेगी

Arun Tiwariअपडेटेड May 01, 2025 पर 5:36 PM
केवल बिहार चुनाव नहीं, जातीय जनगणना के पीछे ये है BJP की रणनीति! पूरे देश में हो सकता है असर
Bihar Election 2025: केवल बिहार चुनाव नहीं, जातीय जनगणना के पीछे ये है BJP की रणनीति! पूरे देश में हो सकता है असर

केंद्र की NDA सरकार देश में जातीय जनगणना कराने पर राजी हो गई है। बुधवार को इस संबंध में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि इस बार सामान्य जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाएगी। सरकार की इस घोषणा के साथ ही कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसे अपनी जीत करार दिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर इसे अपनी जीत बताया है।

सपा, राजद समेत अन्य विपक्षी दल भी इसे अपनी जीत बता रहे हैं। दूसरी तरफ बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने इस निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया है। जबकि अभी तक जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी का स्टैंड उलट रहा है। सवाल यह है कि जातीय जनगणना को लेकर भविष्य में राजनीति कैसा आकार लेगी?

90 के दशक से तेज हुई जातीय जनगणना की मांग

जातीय जनगणना पर वर्तमान राजनीति समझने के पहले यह जानना जरूरी है कि इसका इतिहास क्या रहा है? ब्रिटिश काल में हुई जातीय जनगणना से इतर अगर बात करें तो इसकी मांग 90 के दशक में ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद तेज हुई थी। देश में संयुक्त मोर्चा की सरकार ने जातीय जनगणना कराने का फैसला किया था। जिसे बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने लागू नहीं किया।

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