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RJD 30 से नीचे फिसला, तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनने का सपना क्यों हो गया चकनाचूर?

RJD को करीब 30 सीटें मिलती दिख रही हैं। महागठबंधन की सीटें 40 दिख रही हैं। अगर इस बार के विधानसभा चुनावों के नतीजों की तुलना 2020 के नतीजों से की जाए तो बहुत बड़ा फर्क नजर आता है। तब राजद 75 सीटों के साथ सूबे की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में सामने आई थी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Nov 14, 2025 पर 1:46 PM
RJD 30 से नीचे फिसला, तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनने का सपना क्यों हो गया चकनाचूर?
इस बार लालू यादव की पार्टी को जितनी सीटें मिलती दिख रही है, उसकी कल्पना शायद ही यादव परिवार के किसी सदस्य ने की होगी।

महागठबंधन की सरकार बिहार में नहीं बनने जा रही, इसका अंदाजा तो 11 नवंबर को एग्जिट पोल के नतीजों से मिल गया था। लेकिन, राजद का इतना बुरा हश्र होगा यह शायद किसी ने नहीं सोचा था। राजद को जितनी सीटें मिलती दिख रही है, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस मामले में एग्जिट पोल के नतीजे भी फेल रहे। शायद ही किसी एग्जिट पोल में महागठबंधन खासकर राजद को इतनी कम सीटें मिलने की बात कही गई थी। सवाल है कि आखिर तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनने का सपना क्यों चकनाचूर हो गया? तेजस्वी से कहां हुई असली भूल?

महागठबंधन को 40 से कम सीटें

RJD को करीब 30 सीटें मिलती दिख रही हैं। Mahagathbandhan की सीटें 40 दिख रही हैं। अगर इस बार के विधानसभा चुनावों के नतीजों की तुलना 2020 के नतीजों से की जाए तो बहुत बड़ा फर्क नजर आता है। तब राजद 75 सीटों के साथ सूबे की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में सामने आई थी। इस बार लालू यादव की पार्टी को जितनी सीटें मिलती दिख रही है, उसकी कल्पना शायद ही यादव परिवार के किसी सदस्य ने की होगी। यह न सिर्फ राजद बल्कि पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के लिए भी बड़ा झटका है।

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