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दिल्ली में हाई वोल्टेज ड्रामा! विधानसभा में AAP विधायकों को नहीं मिली एंट्री, सड़क पर बैठीं आतिशी

Delhi Assembly: आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि पार्टी ने सत्ता में आने के बाद तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं। आतिशी ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने 'जय भीम' के नारे लगाने के कारण तीन दिन के लिए आम आदमी पार्टी के विधायकों को दिल्ली विधानसभा से निलंबित कर दिया

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Feb 27, 2025 पर 4:27 PM
दिल्ली में हाई वोल्टेज ड्रामा! विधानसभा में AAP विधायकों को नहीं मिली एंट्री, सड़क पर बैठीं आतिशी
Delhi Assembly: आतिशी सहित AAP के 22 में से 21 विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था

Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने गुरुवार (27 फरवरी) को कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को सदन की कार्यवाही से तीन दिनों के लिए निलंबित करने के बाद उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका जा रहा है। सुरक्षाकर्मियों से बहस के बाद आतिशी विधायकों के साथ धरने पर बैठ गईं। उन्होंने कहा कि BJP (भारतीय जनता पार्टी) वालों ने सरकार में आते ही तानाशाही की हदें पार कर दीं। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आतिशी और आप के अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बीआर आंबेडकर की तस्वीर कथित तौर पर हटाए जाने का विरोध किया।

विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने नवगठित सदन में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के कारण आप के 21 विधायकों को निलंबित कर दिया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में आतिशी ने कहा, "जय भीम के नारे लगाने को लेकर तीन दिन के लिए आम आदमी पार्टी के विधायकों को सदन से निलंबित किया और आज AAP विधायकों को विधानसभा परिसर में घुसने भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसा दिल्ली विधानसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ।" मंगलवार को आतिशी सहित आप के 22 में से 21 विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था।

AAP विधायकों का निलंबन उस दिन हुआ जब दिल्ली सरकार ने शराब नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की। इससे आप और भाजपा के बीच राजनीतिक टकराव और बढ़ गया। ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान निलंबन से बचे एकमात्र आप विधायक थे। क्योंकि वे विरोध प्रदर्शन के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे। निलंबन का प्रस्ताव मंत्री प्रवेश वर्मा ने पेश किया था।

जैसे ही उपराज्यपाल ने अपना अभिभाषण शुरू किया, AAP विधायकों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें कथित तौर पर हटाए जाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने व्यवधान के कारण सभी 21 विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश जारी किया।

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