दिल्ली की जंग हारने के बाद AAP सरकार पर पंजाब में खतरा, कांग्रेस ने किया दावा, मध्यावधि चुनाव के आसार
Delhi Result Effect on AAP: दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार हुई है। 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली थीं। इस बार के चुनावी परिणाम में पार्टी केवल 22 सीटें जीती है। इस बीच पंजाब में आप सरकार पर खतरों के बादल मंडराने लगे हैं
Delhi Result Effect on AAP: दिल्ली में हारने के साथ ही आम आदमी पार्टी के भविष्य को लेकर संकट गहराता जा रहा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। दिलचस्प बात ये भी है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जिन 12 सीटों पर प्रचार किया था। वहां आम आदमी पार्टी को तगड़ा नुकसान हुआ है। इनमें पार्टी लीडर अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीटें भी शामिल थीं। जहां खुद ये बड़े नेता भी हार गए। इस हार के बाद पार्टी के भीतर और पंजाब की राजनीति में नई चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच कांग्रेस ने एक ऐसा दावा किया है, जिससे सियासी गलियारे में भूचाल आ गया है।
कांग्रेस का दावा है कि आम आदमी पार्टी के विधायक टूटने के कगार पर पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने सूबे में मध्यावधि चुनाव की संभावना जताई है। कांग्रेस का कहना है कि यहां की जनता को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए। दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों का झुंड जल्द ही बिखर जाएगा।
पंजाब में AAP पर बढ़ा संकट
AAP के लिए पंजाब में भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। विपक्षी दलों का दावा है कि दिल्ली की हार पंजाब में पार्टी के पतन की शुरुआत हो सकती है। यह आम आदमी पार्टी के लिए पिछले एक साल में दूसरा बड़ा झटका है। साल 2024 के लोकसभा चुनावों में भी AAP को पंजाब में सिर्फ 3 सीटें मिली थीं, जबकि राज्य में कुल 13 संसदीय सीटें हैं। कांग्रेस का दावा है कि पंजाब के आम विधायकों को दिल्ली तलब किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि आप के विधायक दूसरी राजनीतिक पार्टियों में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी भी आप विधायक ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
AAP की पंजाब में रणनीति पर नजरें
बता दें कि AAP ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल कर सरकार बनाई थी। भगवंत मान मुख्यमंत्री बने, लेकिन अरविंद केजरीवाल को पंजाब की राजनीति में कई बार हस्तक्षेप करते देखा गया है। विपक्षी दलों ने उन पर पंजाब सरकार को ‘रिमोट कंट्रोल’ से चलाने का आरोप भी लगाया है। अब दिल्ली चुनाव में हार के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या पंजाब में सरकार पर खतरों के बादल मंडराने लगे हैं?