Get App

Smriti Irani At Times 100: ‘क्योंकि 2.0’ से TIME100 तक, स्मृति ईरानी ने स्पार्क पहल शुरू कर महिलाओं के लिए किया ये नेक काम

Smriti Irani At Times 100: बिल गेट्स को ‘क्योंकि 2.0’ पर लाने से लेकर TIME100 इवेंट तक, अक्टूबर पूरी तरह है स्मृति ईरानी के नाम रहा है। हाल में उन्होंने स्पार्क पहल को लेकर चर्चा की, जो महिलाओं के लिए बहुत खास है।

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Nov 01, 2025 पर 4:00 PM
Smriti Irani At Times 100: ‘क्योंकि 2.0’ से TIME100 तक, स्मृति ईरानी ने स्पार्क पहल शुरू कर महिलाओं के लिए किया ये नेक काम
स्मृति ईरानी ने स्पार्क पहल शुरू कर महिलाओं के लिए किया ये नेक काम

Smriti Irani At Times 100: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय टेलीविजन की एक अहम हस्ती स्मृति ईरानी इन दिनों सुर्खियों में हैं, अक्टूबर महीना उनके शानदार सफर की गवाही दे रहा है, जहां वो न सिर्फ खुलकर बात कर रही हैं और असली दुनिया में असर डाल रही हैं। हाल ही में स्मृति ईरानी ने अपने शो ‘क्योंकि 2.0’ में बिल गेट्स को बुलाया और फिर प्रतिष्ठित TIME100 इवेंट में भारत का नाम रोशन किया। शूटिंग के बीच भी उन्होंने वक्त निकालकर सबको प्रेरित किया। उनका इनिशिएटिव स्पार्क द 100k कलेक्टिव इस ग्लोबल फोरम का पार्टनर है, जिसके ज़रिए वो न्यूयॉर्क के स्टेज तक पहुंचीं।

TIME100 इवेंट में स्मृति ईरानी ने भारत और अपने प्रोजेक्ट स्पार्क द 100k कलेक्टिव की तरफ़ से बात की। इस प्रोजेक्ट का मकसद देश के 300 शहरों में 1 लाख महिलाओं को मज़बूत बनाना है ताकि वे अपना काम शुरू कर सकें। हाल ही में इसका एक इवेंट दिल्ली में हुआ था। स्पार्क प्रोजेक्ट छह हिस्सों में काम करता है, जो महिलाओं को ज़रूरी हुनर और सही मदद देने पर ध्यान देता है।

उनकी दमदार स्पीच और मेहनत टाइम फोरम पर सबको बहुत पसंद आया है। इस चीज ने लोगों को याद दिलाया है कि कैसे स्मृति ईरानी एक साधारण शुरुआत से आगे बढ़कर आज भारत की एक सबसे मजबूत आवाज बन गई हैं।

उन्होंने कहा, “कहते हैं ज़िंदगी एक पूरा चक्कर लगाती है, और आज रात मेरे लिए सच में ऐसा ही हुआ है। बयालीस साल पहले, नई दिल्ली की सड़कों पर मेरे पिता, जो एक किताब बेचने वाले थे, एक कबाड़ी से पुरानी Time मैगज़ीन खरीदकर बेचते थे, ताकि वो रोज़ दो डॉलर कमा सकें और तीन बेटियों का पेट पाल सकें। आज जब मैं आप सबके बीच खड़ी हूं, तो ये सिर्फ इसलिए है क्योंकि मेरे माता-पिता मेहनती थे, और साथ ही क्योंकि किसी ने मेरी पढ़ाई में मदद की, किसी ने मुझे ईमानदार मेहनताना दिया, और किसी ने मुझे अपने देश में एक राजनीतिक आवाज़ बनने का मौका दिया।”

सब समाचार

+ और भी पढ़ें