शरीर में फैट अक्सर कुछ खास हिस्सों में जल्दी जमा हो जाता है, और इनमें जांघें भी शामिल हैं। मोटी जांघें न सिर्फ देखने में भारी लगती हैं, बल्कि रोजमर्रा की गतिविधियों जैसे चलना, बैठना और उठना भी मुश्किल बना देती हैं। कई बार बाकी शरीर पतला होने के बावजूद जांघें मोटी रह जाती हैं, जिससे कई बार स्किन आपस में रगड़ खाकर खुरदरी या छिली हुई भी लग सकती है। यह न केवल फिजिकल असुविधा पैदा करता है, बल्कि कपड़े पहनने में भी दिक्कत होती है। ऐसे में जांघों की शेप को सुधारना और वहां जमा अनचाही चर्बी को कम करना जरूरी हो जाता है। इसका सबसे आसान और प्राकृतिक तरीका है योगासन।
ये न केवल जांघों की फैट घटाने में मदद करते हैं, बल्कि पैरों की मसल्स मजबूत करते हैं, शरीर का बैलेंस सुधारते हैं और फिटनेस को भी बढ़ाते हैं। नियमित अभ्यास से मोटी जांघें स्लिम और टोन्ड बन सकती हैं।
उत्कटासन जांघों, कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। सीधे खड़े होकर पैरों को कंधे की चौड़ाई पर फैलाएं और हाथों को सामने की ओर या प्रणाम मुद्रा में रखें। घुटनों को मोड़ते हुए नीचे बैठें, जैसे कुर्सी पर बैठे हों। रीढ़ को सीधा रखें और 30 सेकंड से एक मिनट तक इस पोज को होल्ड करें। ये आसन पैरों को टोन करने और जांघों की फैट कम करने में मदद करता है।
वीरभद्रासन जांघों और कमर की चर्बी घटाने के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें एक पैर आगे और दूसरा पीछे रखा जाता है। आगे वाले घुटने को 90 डिग्री पर मोड़ा जाता है और पीछे वाले पैर को सीधा रखा जाता है। हाथों को ऊपर उठाकर नमस्ते मुद्रा में जोड़ें या फैलाएं। इसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक होल्ड करें और फिर पैर बदलें। ये आसन पैर की स्टैमिना बढ़ाने और बैलेंस सुधारने में भी मदद करता है।
मलासन जांघों और पेल्विक एरिया की फैट कम करने में मदद करता है। पैरों को चौड़ा करके घुटनों को मोड़कर नीचे बैठें, जैसे उकड़ू बैठे हों। हाथों को प्रणाम मुद्रा में छाती के पास लाएं या कोहनियों से घुटनों को दबाएं। इसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक होल्ड करें। ये आसन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और पैरों की मसल्स को मजबूत बनाता है।
अनंतासन जांघों और हिप्स की चर्बी कम करने में मदद करता है। बाईं ओर लेटकर सिर को बाएं हाथ पर रखें और दाएं पैर को ऊपर उठाकर हाथ से पकड़ने की कोशिश करें। इसे 20-30 सेकंड होल्ड करें और फिर दूसरी ओर दोहराएं। ये आसन पैरों को स्लिम और टोन्ड बनाने में असरदार है।
सेतुबंधासन हिप्स और जांघों की मसल्स को मजबूत करता है और फैट कम करता है। पीठ के बल लेटकर पैरों को घुटनों से मोड़ें और हिप्स को ऊपर उठाएं। कुछ सेकंड होल्ड करने के बाद धीरे-धीरे नीचे आएं। इसे 10 बार दोहराएं।
उत्थान पृष्ठासन जिसे लिजार्ड पोज भी कहा जाता है, जांघों और पैरों की शेपिंग में मदद करता है। घुटनों के बल बैठकर एक पैर आगे फैलाएं और दूसरा पीछे रखें। हाथों को जमीन पर रखें और पोज को 30 सेकंड तक होल्ड करें। फिर पैर बदलकर दोहराएं।
नौकासन पेट और जांघों की फैट घटाने के लिए बेहतरीन है। पीठ के बल लेटकर पैरों को सीधा रखें और हाथों को जांघों के पास रखें। सांस लेते हुए पैरों, सिर और कंधों को ऊपर उठाएं और बैलेंस बनाकर 20-30 सेकंड तक होल्ड करें। यह कोर मसल्स को मजबूत करता है और फैट बर्निंग प्रक्रिया तेज करता है।
वृक्षासन पैरों को टोन्ड करने और बैलेंस सुधारने के लिए फायदेमंद है। सीधे खड़े होकर एक पैर को दूसरी जांघ पर रखें और दोनों हाथों को ऊपर नमस्ते मुद्रा में उठाएं। इसे कुछ देर होल्ड करें और फिर सामान्य मुद्रा में लौटें।
इन सभी योगासनों को नियमित रूप से करने से जांघों और हिप्स की फैट कम होती है, पैरों की मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर की शेप सुधरती है। मोटी जांघों की समस्या को कम करने और पैरों को स्लिम व टोन्ड बनाने के लिए इन्हें अपनी रोजाना रूटीन में शामिल करना सबसे असरदार तरीका है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।