Airport privatization : देश में एयरपोर्ट निजीकरण का अगला चरण फिर सरकार के एजेंडे में वापस आ गया है। सरकार 11 एयरपोर्ट्स को बंडल मॉडल पर निजी कंपनियों को देने पर जल्द फैसला करेगी। इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ संवाददाता रोहन सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट निजीकरण तेज होगा। एयरपोर्ट निजीकरण दोबारा सरकार के एजेंडे में है। 11 एयरपोर्ट्स के निजीकरण पर PPPAC (Public Private Partnership Appraisal Committee) जल्द फैसला लेगी।
ट्रांजैक्शन एडवाइजर की रिपोर्ट सरकार को मिली
इस पर ट्रांजैक्शन एडवाइजर की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। इस पूरी प्रक्रिया को वित्त वर्ष 2026 के अंत तक पूरा करने की कोशिश है। इस प्रक्रिया के तहत पहली बार बड़े और छोटे एयरपोर्ट्स को बंडल करके निजी प्लेयर्स को ऑफर किया जाएगा। निजी कंपनियों को लंबी अवधि की लीज पर एयरपोर्ट सौंपने की तैयारी है।
इन एयरपोर्ट्स का निजीकरण संभव
जल्द ही जिन 11 एयरपोर्ट्स का निजीकरण किया जा सकता है उनमें अमृतसर (Amritsar), वाराणसी (Varanasi), भुवनेश्वर, रायपुर (Raipur), त्रिची (Trichi), इंदौर Indore), कुशीनगर (Kushinagar), गया (Gaya), औरंगाबाद (Aurangabad), हुबली (Hubballi) और कांगड़ा (Kangra) के नाम शामिल हैं।
भारत हवाई यात्रियों की संख्या के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर
गौरतलब है कि भारत हवाई यात्रियों की संख्या के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। देश में हवाई यात्रा अब लग्जरी नहीं जरूरत बन चुकी है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हवाई यात्रियों की संख्या सालाना 7-10 फीसद की रफ्तार से बढ़ रही है। आने वाले समय में यह गति और तेज हो सकती है। यही वजह है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय निष्क्रिय हवाई अड्डों में संभावनाओं को तलाशने के साथ हवाई अड्डों के प्रबंधन में प्राइवेट कंपनियों की भागीदार पर फोकस कर रहा है।