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6 साल की नौकरी में करोड़ों की संपत्ति! कौन हैं असम की अधिकारी नूपुर बोरा...जिनके घर मिला खजाना

Assam officer Nupur Bora : अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी रविवार रात को होनी थी, लेकिन बोरा के घर पर न होने के कारण इसे टाल दिया गया। सोमवार तड़के उनके लौटने पर कार्रवाई शुरू हुई। बाद में बोरा से जुड़े तीन और ठिकानों पर भी छापेमारी की गई, जिनमें बारपेटा का एक किराए का मकान शामिल है, जहां अब भी तलाशी चल रही है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 16, 2025 पर 8:35 PM
6 साल की नौकरी में करोड़ों की संपत्ति! कौन हैं असम की अधिकारी नूपुर बोरा...जिनके घर मिला खजाना
असम की राजधानी गुवाहाटी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।

Assam officer Nupur Bora : असम की राजधानी गुवाहाटी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। असम सिविल सेवा (एसीएस) अधिकारी इस समय असम में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई हैं। असम के स्पेशल विजिलेंस सेल ने सोमवार को गुवाहाटी में असम सिविल सेवा (एसीएस) अधिकारी नूपुर बोरा के घर पर छापा मारा। इस दौरान 92 लाख रुपये नकद और करीब 2 करोड़ रुपये के गहने बरामद किए गए। इसके बाद नूपुर बोरा को हिरासत में ले लिया गया।

6 महीनों से रखी जा रही थी अधिकारी पर नजर

अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी रविवार रात को होनी थी, लेकिन बोरा के घर पर न होने के कारण इसे टाल दिया गया। सोमवार तड़के उनके लौटने पर कार्रवाई शुरू हुई। बाद में बोरा से जुड़े तीन और ठिकानों पर भी छापेमारी की गई, जिनमें बारपेटा का एक किराए का मकान शामिल है, जहां अब भी तलाशी चल रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि भूमि संबंधी गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद नूपुर बोरा पर पिछले छह महीनों से नजर रखी जा रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बारपेटा जिले में अंचल अधिकारी रहते हुए बोरा ने संदिग्ध अवैध बसने वालों, जिन्हें स्थानीय भाषा में "मिया" कहा जाता है, के नाम पर सरकारी और सत्रा भूमि का अवैध पंजीकरण कराया।

विधायक ने दर्ज कराई थी शिकायत

शिवसागर के विधायक अखिल गोगोई की अगुवाई वाली कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने नूपुर बोरा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायत में आरोप है कि बोरा ने ज़मीन संबंधी कामों के लिए एक तरह का "रेट कार्ड" बना रखा था। इसमें ज़मीन का नक्शा बनवाने के लिए 1,500 रुपये से लेकर जमीन के रिकॉर्ड में बदलाव कराने के लिए 2 लाख रुपये तक रिश्वत ली जाती थी।

स्पेशल विजिलेंस सेल के पुलिस अधीक्षक रोजी कलिता ने बताया कि नूपुर बोरा के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोपों की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि छापेमारी में मिली नकदी और गहने शुरुआती कार्रवाई का हिस्सा हैं, आगे की जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं। इसके साथ ही बारपेटा के एक भूमि मंडल अधिकारी सुरजीत डेका पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और उनके खिलाफ अलग से छापेमारी हो रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले पर कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि भ्रष्टाचार पर काबू पाया जाए।

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