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'भारत के लिए चीन सबसे बड़ी चुनौती और ये आगे भी रहेगी', CDS अनिल चौहान का बड़ा बयान

CDS Anil Chauhan : जनरल अनिल चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि देशों के सामने आने वाली चुनौतियां अस्थायी नहीं होतीं, बल्कि अलग-अलग रूप में बनी रहती हैं। उनके अनुसार चीन के साथ सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी चुनौती है और आगे भी रहेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 05, 2025 पर 6:30 PM
'भारत के लिए चीन सबसे बड़ी चुनौती और ये आगे भी रहेगी', CDS अनिल चौहान का बड़ा बयान
CDS अनिल चौहान ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है।

CDS Anil Chauhan : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि चीन भारत के लिए 'सबसे बड़ी चुनौती' है। चीन के साथ ये चुनौती आगे भी रहेगी। गोरखपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बताया कि चीन की समस्या जहां सबसे अहम है, वहीं पाकिस्तान का परोक्ष युद्ध भी बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नीति हमेशा से भारत को "हजार घाव देकर कमजोर करने" की रही है।

भारत के खिलाफ पाकिस्तान की रही है ये रणनीति

जनरल अनिल चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि देशों के सामने आने वाली चुनौतियां अस्थायी नहीं होतीं, बल्कि अलग-अलग रूप में बनी रहती हैं। उनके अनुसार चीन के साथ सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी चुनौती है और आगे भी रहेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान का प्रॉक्सी वॉर दूसरी बड़ी समस्या है, जिसकी रणनीति हमेशा भारत को धीरे-धीरे कमजोर करने की रही है। उन्होंने कहा कि अब बॉर का तरीका बदल चुका है और इसमें साइबर व स्पेस जैसे नए मोर्चे भी शामिल हो गए हैं। भारत के दोनों पड़ोसियों के पास एटमी हथियार हैं, इसलिए उनके खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करनी है, यह तय करना हमेशा मुश्किल काम रहेगा।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जनरल चौहान के कही ये बात

जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान में सशस्त्र बलों को पूरी तरह कार्रवाई की स्वतंत्रता दी गई थी। इसका मकसद यह दिखाना था कि भारत का धैर्य भी एक सीमा तक है। जनरल अनिल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में सेना को पूरी तरह आजादी थी, चाहे वह योजना बनाना हो या लक्ष्यों का चुनाव करना। उनका कहना था कि इस अभियान का मकसद केवल आतंकवादी हमले का जवाब देना नहीं था, बल्कि यह दिखाना था कि भारत के सब्र की भी एक सीमा है। उन्होंने आगे बताया कि यह ऑपरेशन कई क्षेत्रों में एक साथ चलाया गया था, जिसमें साइबर युद्ध और सेना की अलग-अलग विंग के बीच तालमेल शामिल था।

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