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'BJP की एक चाल है ताकि...': तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का विवादित बयान, देखें वीडियो

Tahawwur Rana Extradition: पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक राणा को गुरुवार (10 अप्रैल) शाम एक विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की अर्जी सात अप्रैल को खारिज कर दी थी, जिससे उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो गया था

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Apr 11, 2025 पर 9:04 AM
'BJP की एक चाल है ताकि...': तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का विवादित बयान, देखें वीडियो
Tahawwur Rana Extradition: कन्हैया कुमार ने कहा कि तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण कोई कूटनीतिक सफलता नहीं है

Tahawwur Rana Extradition News: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने गुरुवार (10 अप्रैल) को विवादित बयान देते हुए कहा कि साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण भारतीय जनता पार्टी (BJP) की एक चाल है। ताकि विभिन्न वादों को पूरा करने में केंद्र सरकार की विफलता से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। कन्हैया कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है।

24 वर्षीय तहव्वुर राणा, डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है, जिसे दाऊद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है। वह 2008 के हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। कन्हैया ने कहा, "BJP के पास बताने लायक कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वह किसी न किसी बहाने जनता के मुद्दों को भटकाने की कोशिश करती है। वक्फ विधेयक इसका एक और उदाहरण है। सरकार ने दावा किया कि वह गरीब मुसलमानों के लाभ के लिए यह कानून ला रही है। इस बात पर कौन विश्वास करेगा, जबकि यह सरकार समुदाय के लोगों को अपनी छतों पर नमाज अदा करने की अनुमति नहीं देती है?"

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "हम सभी को आर्टिकल 370 के हटने के बाद उनकी बयानबाजी याद है। हर बीजेपी नेता कह रहा था कि अब बिहार और देश के अन्य हिस्सों के लोग कश्मीर में जमीन खरीद सकेंगे। मुझे एक भी व्यक्ति दिखाइए जो तब से वहां संपत्ति खरीद पाया हो।" 38 वर्षीय कुमार पहली बार 2016 में सुर्खियों में आए थे, जब जेएनयू कैंपस के अंदर एक प्रदर्शन में भाग लेने के कारण उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इस प्रदर्शन में कथित तौर पर कश्मीरी अलगाववादी आंदोलन के समर्थन में नारे लगाए गए थे।

पूर्व वामपंथी नेता बेरोजगारी और पलायन पर जनमत जुटाने के उद्देश्य से राज्यव्यापी 'पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा' के तहत बिहार का दौरा कर रहे हैं। कुमार ने 2019 का लोकसभा चुनाव अपने गृह क्षेत्र बेगूसराय से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के टिकट पर लड़ा था। उनसे जब बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उस आरोप के बारे में पूछा गया कि राज्य में दशकों पहले कांग्रेस के शासन के दौरान पलायन शुरू हुआ था।

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