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Delhi AQI: 'हम सबकी हालत बहुत खराब है'; दिल्ली में दम घोंटू प्रदूषण को लेकर अधिकारियों पर भड़के पूर्व डीजीपी, राजधानी में भारी प्रदर्शन

Delhi Air quality: जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) शेष पॉल वैद ने दिल्ली में बिगड़ती एयर क्वालिटी पर दुख व्यक्त करते हुए इसे "मानवीय संकट" बताया। साथ ही दिल्ली के अधिकारियों की जवाबदेही की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने 15 दिन नई दिल्ली में बिताने के बाद हम सबकी हालत बहुत खराब है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Nov 09, 2025 पर 11:30 PM
Delhi AQI: 'हम सबकी हालत बहुत खराब है'; दिल्ली में दम घोंटू प्रदूषण को लेकर अधिकारियों पर भड़के पूर्व डीजीपी, राजधानी में भारी प्रदर्शन
Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लोग अब सड़क पर उतर रहे हैं

Delhi Pollution AQI: जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) शेष पॉल वैद ने राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती एयर क्वालिटी पर दुख व्यक्त करते हुए इसे "मानवीय संकट" करार दिया। साथ ही दिल्ली के अधिकारियों की जवाबदेही की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, "मैं और मेरा परिवार 15 दिन नई दिल्ली में बिताने के बाद आज जम्मू लौटे हैं। हम सबकी हालत बहुत खराब है। गले में तेज दर्द, नाक बह रही है। साथ ही लगातार जलन हो रही है मानो हमने हजारों सिगरेट पी ली हों।"

शेष पॉल वैद ने आगे कहा, "अगर अल्पकालिक आगंतुकों को यही अनुभव होता है, तो दिल्ली के बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे लोगों की पीड़ा की कल्पना कीजिए।" पूर्व पुलिस अधिकारी ने न्यायपालिका और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए कहा, "अगर यह मानवीय संकट सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को तुरंत कार्रवाई के लिए नहीं झकझोरता है, तो फिर क्या करेगा? जवाबदेही कहां है? दिल्ली को कब तक गैस चैंबर बने रहने दिया जाएगा?"

राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती एयर क्वालिटी के खिलाफ रविवार को अभिभावकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में कई महिलाएं और उनके बच्चे शामिल थे। उन्होंने कहा कि वे स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करने के लिए जुटे हुए हैं।

पर्यावरणविद् भावरीन खंडारी ने पीटीआई से कहा, "हम अपने निर्वाचित पदाधिकारियों से मिलना चाहते हैं। हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमें मना कर दिया गया। बहुत से माता-पिता यहां इसलिए आए हैं, क्योंकि उनके बच्चे कष्ट झेल रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "हर तीसरे बच्चे के फेफड़े को नुकसान पहुंच चुका है। वे स्वच्छ हवा में पले-बढ़े बच्चों की तुलना में लगभग 10 साल कम जी पाएंगे।" एक अन्य प्रदर्शनकारी अभिषेक ने कहा कि सरकार स्वच्छ हवा में सांस लेने का बुनियादी अधिकार भी देने में विफल रही है।

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