Pune-Daund Train Fire: महाराष्ट्र के पुणे जिले में सोमवार (16 जून) सुबह चलती DEMU (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन के शौचालय में आग लग गई जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि एक यात्री ने बीड़ी पीने के बाद उसे ट्रेन के शौचालय के पास कूड़ेदान में फेंक दिया, जिससे आग लगी। दौंड में रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार (16 जून) सुबह करीब आठ बजे पुणे जिले के यवत के पास हुई। उन्होंने बताया कि आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। अच्छी बात यह रही कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दौंड-पुणे डीईएमयू ट्रेन में एक यात्री ने बीड़ी पीने के बाद उसे कथित तौर पर ट्रेन के शौचालय के पास कूड़ेदान में फेंक दिया।
अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "घटना सुबह करीब आठ बजे हुई। डिब्बे में कागज और अन्य कचरा था, जिसने आग पकड़ ली। इसके बाद शौचालय से धुआं निकलने लगा। यह देख यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।" उन्होंने बताया कि उस डिब्बे में बहुत कम यात्री सवार थे।
अधिकारी ने बताया कि आग को जल्दी बुझा दिया गया और इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो र तस्वीरों में आग लगने के तुरंत बाद इलाके में धुएं की मोटी चादर दिखाई दे रही है।
ABP न्यूज़ के मुताबिक, घटना के सिलसिले में मध्य प्रदेश के एक 55 वर्षीय यात्री को हिरासत में लिया गया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी ने कथित तौर पर बीड़ी पी और उसे शौचालय के कूड़ेदान में फेंक दिया, जिसमें कागज और कचरा था। इससे ट्रेन में आग लग गई।
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "शौचालय से धुआं निकलने लगा, जिससे बस में सवार लोगों में दहशत फैल गई। शुक्र है कि स्थिति पर तुरंत काबू पा लिया गया।" रेलवे अधिकारी और पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए हैं। यात्रियों से धूम्रपान करने या ऐसी कोई भी गतिविधि करने से बचने का आग्रह किया है जिससे बस में जान को खतरा हो सकता है।
इससे एक दिन पहले रविवार को पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुराना पुल ढह जाने से चार व्यक्तियों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गये। यह पुल पैदल यात्रियों के लिए था। अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह घटना पर्यटकों की भीड़ के कारण हुई, जिन्होंने वहां पर लगे चेतावनी बोर्ड को नजरअंदाज कर दिया था।