सर्दियां शुरू होते ही देशभर में कोहरे का असर दिखाई देने लगता है। हर साल दिसंबर से फरवरी के बीच उत्तर भारत में घना कोहरा इतना बढ़ जाता है कि ट्रेनों की रफ्तार पर सीधा असर पड़ता है। पटरियों पर विजिबिलिटी कम होने से कई लंबी दूरी की ट्रेनें घंटों लेट होती हैं, कुछ को बीच रास्ते रोकना पड़ता है और कई बार सुरक्षा के चलते ट्रेनों को रद्द भी करना पड़ता है। इस बार भी हालात वैसे ही बनने लगे हैं। रेलवे को पहले से अंदाजा है कि आने वाले महीनों में कोहरा और घना हो सकता है, इसलिए यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग रूटों पर चलने वाली कई ट्रेनों को रोकने का फैसला लिया गया है।
