मुंबई में 1980 के दशक की शुरुआत में एक गुजराती परिवार रहता था। 60 सदस्यों वाला यह परिवार एक ही घर में रहता था। परिवार का कॉटन ट्रेडिंग का बिजनेस था। इस परिवार के एक युवा ने लीक से हटकर कुछ अलग करने के बारे में सोचा। यह युवा कोई और नहीं बल्कि उदय कोटक थे, जिनकी उम्र तब सिर्फ 26 साल थी। परिवार और दोस्तों से लिए गए 30 लाख रुपये के लोन से उन्होंने बिल डिस्काउंटिंट का धंधा शुरू किया। इस छोटी सी शुरुआत ने आज एक वटवृक्ष का रूप ले लिया है। आज कोटक महिंद्रा बैंक भारत का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है।
