Israel-Gaza War News: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार (12 अगस्त) को आरोप लगाया कि इजरायल गाजा में नरसंहार कर रहा है। उन्होंने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि वह फिलिस्तीनियों पर इजरायल द्वारा बरपाए जा रहे कहर पर चुप है। कांग्रेस सांसद ने कहा, "इजरायली सरकार ने 60,000 से अधिक लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे शामिल हैं।" उन्होंने कहा, "इसने कई बच्चों समेत सैकड़ों लोगों को भूखा रखकर मार दिया है और अब लाखों को भूखा मारने की धमकी दे रहा है।" प्रियंका गांधी ने कहा कि इन अपराधों पर चुप रहना और कोई कार्रवाई न करना भी एक अपराध है।
उन्होंने आगे कहा, "यह शर्मनाक है कि भारत सरकार फलस्तीन के लोगों पर इजरायल द्वारा बरपाए जा रहे इस कहर पर चुप है।" कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की निर्मम हत्या फलस्तीनी सरजमीं पर किया गया एक और घृणित अपराध है। उन्होंने कहा कि सच्चाई के लिए खड़े होने का असीम साहस, इजरायल की हिंसा और नफरत से कभी नहीं तोड़ा जा सकता।
अल-जजीरा मीडिया नेटवर्क के अनुसार, गाजा सिटी में पत्रकारों के कैंप पर किए गए एक टारगेटेड इजरायली हमले में अल-जजीरा के पत्रकार अनस अल-शरीफ और उनके चार सहकर्मियों की मौत हो गई। प्रियंका गांधी ने कहा, "अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की निर्मम हत्या फलस्तीनी सरजमीं पर किया गया एक और जघन्य अपराध है।" कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सच्चाई के लिए खड़े होने का असीम साहस, इजरायली हिंसा और नफरत से कभी नहीं टूटेगा।
उन्होंने कहा, "ऐसी दुनिया में जहां मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता और व्यापार का गुलाम बन चुका है, इन बहादुर लोगों ने हमें सच्ची पत्रकारिता का मतलब याद दिलाया। उनकी आत्मा को शांति मिले।" प्रियंका गांधी गाजा में इजराइल की कार्रवाई के खिलाफ लगातार आवाज उठा रही हैं और फलस्तीनियों के साथ एकजुटता जता रही हैं।
इजरायली दूतावास का पलटवार
दूतावास के राजदूत ने आगे कहा, "इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन भोजन पहुंचाया, जबकि हमास उसे जब्त करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भुखमरी पैदा हो रही है।" उन्होंने आगे कहा, "पिछले 50 वर्षों में गाजा की आबादी 450 प्रतिशत बढ़ी है, वहां कोई नरसंहार नहीं हुआ है। हमास के आंकड़ों पर विश्वास न करें।"
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने सोमवार को पत्रकारों के शिविर को निशाना बनाने वाले रविवार के हवाई हमले की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया। एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने पत्रकारों की सुरक्षा समिति के हवाले से कहा कि अक्टूबर 2023 में शुरू हुए गाजा युद्ध में कुल 184 फिलिस्तीनी पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए हैं।