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Jawahar Lal Nehru Stadium: क्या दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ा जाएगा? 'स्पोर्ट्स सिटी' बनाने की योजना

Jawahar Lal Nehru Stadium in Delhi: खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने सोमवार (10 नवंबर) को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को ध्वस्त करके जल्द ही स्पोर्ट्स सिटी बनाई जाएगी। इसमें सभी प्रमुख खेलों के लिए सुविधाएं होंगी। साथ ही खिलाड़ियों के लिए आवास की सुविधा भी होगी

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Nov 10, 2025 पर 4:44 PM
Jawahar Lal Nehru Stadium: क्या दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ा जाएगा? 'स्पोर्ट्स सिटी' बनाने की योजना
Jawahar Lal Nehru Stadium: जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को ध्वस्त करके जल्द ही स्पोर्ट्स सिटी बनाई जाएगी

Jawahar Lal Nehru Stadium: मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सरकार दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़कर वहां एक मॉडर्न 'स्पोर्ट्स सिटी' बनाने जा रही है। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने सोमवार (10 नवंबर) को न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को ध्वस्त करके जल्द ही स्पोर्ट्स सिटी बनाई जाएगी। इसमें सभी प्रमुख खेलों के लिए सुविधाएं होंगी। साथ ही खिलाड़ियों के लिए आवास की सुविधा भी होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 102 एकड़ में बनने वाले इस स्पोर्ट्स सिटी को कतर और ऑस्ट्रेलिया के मॉडल पर बनाया जाएगा।

खेल मंत्रालय की तरफ से इस योजना से जुड़ी अन्य जानकारियां जल्द ही शेयर की जाएंगी। 102 एकड़ क्षेत्र वाले स्टेडियम का पूरी तरह से पुनर्निर्माण किया जाएगा। लेकिन अभी यह योजना केवल एक प्रस्ताव है। इसलिए परियोजना की डेडलाइन अभी तय नहीं की गई है। कतर और ऑस्ट्रेलिया में बने स्पोर्ट्स सिटी की तरफ इसे बनाने की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए उनका मूल्यांकन किया जा रहा है।

मंत्रालय के एक सूत्र ने एजेंसी को बताया, "स्टेडियम को ध्वस्त किया जाएगा। स्टेडियम के अंदर के सभी कार्यालय शिफ्ट किए जाएंगे।" खेल मंत्रालय इसके लिए कतर और ऑस्ट्रेलिया के आधुनिक मॉडल पर स्टडी कर रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं प्रदान करना है, क्योंकि भारत 2036 में ओलिंपिक खेलों की मेज़बानी के अधिकार के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम मूल रूप से 1982 के एशियाई खेलों के लिए बनाया गया था। बाद में इसे 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए पुनर्निर्मित किया गया था। यह लंबे समय से भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्टेडियमों में से एक रहा है। लगभग 60,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम ने प्रमुख एथलेटिक्स आयोजनों, फुटबॉल मुकाबलों, बड़े संगीत समारोहों और स्वतंत्रता दिवस समारोहों सहित राष्ट्रीय समारोहों का आयोजन किया है।

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