BSP Lucknow Rally: मायावती ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना! लेकिन योगी सरकार की कर दी तारीफ, अब अखिलेश ने कसा तंज
Mayawati Lucknow Rally: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने गठबंधन के अपने पिछले अनुभवों को कोई खास फायदेमंद नहीं बताते हुए गुरुवार को स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का अगला चुनाव अपने बलबूते पर ही लड़ेगी। इस दौरान उन्होंने योगी सरकार की तारीफ कर दी, जिसपर अखिलेश यादव ने पलटवार किया है
BSP Lucknow Rally: मायावती ने दावा किया कि BSP को रोकने के लिए कांग्रेस, बीजेपी और सपा ने हाथ मिलाए
BSP Lucknow Rally: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दलसमाजवादी पार्टी (SP) पर दलित महापुरुषों के सम्मान को लेकर दोहरे पैमाने अपनाने का आरोप लगाया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को कहा कि सत्ता में रहने पर इन महापुरुषों की उपेक्षा करने और सत्ता से बाहर जाने के बाद उन्हें याद करने वाले दोगले लोगों से बहुजन समाज को सावधान रहने की जरूरत है।
मायावती ने BSP संस्थापक कांशीराम के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर राजधानी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। वहीं, उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को अपनी सरकार में बनवाए गए स्मारकों का ख्याल रखने के लिए उन्होंने धन्यवाद दिया।
मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा, "सपा के लोग दो-तीन दिन पहले मीडिया में खबर छपवा रहे थे कि वे मान्यवर श्री काशीराम जी के सम्मान में संगोष्ठी करेंगे। लेकिन जब वह सरकार में रहते हैं तो ना उन्हें PDA याद आता है और ना मान्यवर श्री कांशीराम जी की जयंती याद रहती है और ना ही पुण्यतिथि याद रहती है। लेकिन जब वह सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को याद आता है कि हमें संगोष्ठी करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि अगर काशीराम के प्रति आपका इतना ही आदर सम्मान था तो जब उत्तर प्रदेश में मेरी सरकार थी तो सरकार ने अलीगढ़ मंडल में कासगंज के नाम से अलग जिला बनाया और उसका नाम कांशीराम नगर रखा था लेकिन जैसे ही सपा सत्ता में आई उसने नाम बदल दिया। कांशीराम जी के नाम पर हमने विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के नाम रखे, जनहित की योजनाएं शुरू कीं मगर बाद में आयी सपा सरकार ने सभी बड़ी-बड़ी योजनाओं को बंद कर दिया। यह इनका दोहरा चरित्र नहीं है तो क्या है?"
मायावती ने कहा, "जब यह सत्ता में रहते हैं तो ना इनको पीडीए (सपा का पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक का नारा) याद आता है और ना ही पीडीए के संत, गुरु और महापुरुष याद आते हैं। जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तब उन्हें हमारे संत, गुरु और महापुरुष याद आते हैं। ऐसे दोगले लोगों से आप लोगों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।"
कांग्रेस पर भी साधा निशाना
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी ने दलितों के मसीहा बाबा साहब डॉक्टर भीमरावआंबेडकर को लोकसभा में चुनकर नहीं जाने दिया और ना ही उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि आंबेडकर के आंदोलन को आगे गति देने वाले बसपा संस्थापक कांशीराम के निधन पर केंद्र में रही कांग्रेस सरकार ने उनके सम्मान में एक दिन भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था। कांग्रेस ने देश में पिछड़े वर्गों की आरक्षण संबंधी मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया था। उन्होंने कहा कि बसपा के अथक प्रयासों से विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में ही उसे लागू किया गया था। इसी सरकार के कार्यकाल में आंबेडकर को भी 'भारत रत्न' की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
मायावती ने कार्यकर्ताओं का पार्टी को मजबूत करके एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाने का आह्वान किया और कहा कि तभी बहुजन समाज के पूर्ण उत्थान का आंबेडकर का सपना पूरा हो सकता है।
मायावती ने कहा, "जातिवादी पार्टियों की सरकारों में जनता को धोखा देने के लिए आये दिन घोषणाएं, शिलान्यास और उद्घाटन तो काफी किए जाते हैं। लेकिन इसे जनता को कोई खास लाभ मिलने वाला नहीं है, क्योंकि यह कागजी और हवा हवाई ज्यादा और जमीनी हकीकत से बहुत कम जुड़े होते हैं। ऐसी स्थिति में आप लोगों को पूरा पूरे देश में सर्वजनहिताय और सर्वजनसुखाय की नीतियों पर आधारित अपनी पार्टी को ही हर मामले में मजबूत बनाकर इस केंद्र एवं राज्यों की सत्ता में लाना बहुत जरूरी है।"
योगी सरकार का जताया आभार
मायावती ने इस मौके पर राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने कहा, "बसपा राज्य सरकार की भी बहुत-बहुत आभारी है क्योंकि इस स्थल को देखने वाले लोगों के टिकटों का एकत्र हुआ पैसा पूर्व की सपा सरकार की तरह वर्तमान BJP की राज्य सरकार ने दबा कर नहीं रखा है। बल्कि पार्टी के आग्रह करने पर इस स्मारक की मरम्मत करने पर पूरा खर्च किया है।"
BSP प्रमुख ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2007 में अपनी सरकार के शासनकाल में व्यवस्था की थी कि कांशीराम के सम्मान में बनवाए गए स्मारक स्थल के लिये टिकट लगाया जाएगा। उससे मिलने वाले धन को राजधानी लखनऊ में बनवाए गए स्मारकों और उद्यानों के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा।
Lucknow, Uttar Pradesh: BSP Chief Mayawati says, "We are very grateful to the current state government, and we are thankful because, unlike the previous Samajwadi Party government, which used to restrict the collection of tickets from visitors to this site (Kanshi Ram Memorial),… pic.twitter.com/BViQj8Rm5m
उन्होंने कहा, "लेकिन दुख की बात यह है कि जब वर्तमान BJP सरकार से पहले यहां सपा की सरकार थी तो सपा सरकार ने उस टिकट के पैसे को दबाकर रखा। एक भी पैसा उसने इन स्मारकों के रखरखाव पर नहीं खर्च किया। हालत बड़ी जर्जर हो गई थी तब मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) को चिट्ठी लिखकर उनसे निवेदन किया तो UP की वर्तमान BJP की सरकार ने इस मामले को पूरा दिखवाया। उसके बाद उन्होंने हमसे वादा किया कि हम टिकटों का पैसा इन स्थलों के रखरखाव पर लगाएंगे और उन्होंने लगाया भी। इसलिए हमारी पार्टी उनकी आभारी है।"
अखिलेश का पलटवार
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा समेत सभी विरोधी पार्टियों की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को हराने के लिये सांठगांठ का गुरुवार को आरोप लगाने वाली बसपा प्रमुख मायावती पर पलटवार किया है। सपा प्रमुख ने मायावती का नाम लिए बगैर उन पर हमला करते हुए X पर कहा, "क्योंकि उनकी अंदरूनी सांठगांठ है जारी, इसीलिए वो हैं जुल्म करने वालों के आभारी।"
मायावती ने लखनऊ में आयोजित एक रैली में आरोप लगाया था कि बसपा को रोकने के लिए कांग्रेस, सपा और भारतीय जनता पार्टी ने आतंरिक रूप से हाथ मिलाकर विभिन्न विधानसभा और लोकसभा चुनावों में वोट ट्रांसफर करवाते हुए बसपा उम्मीदवारों को हरवाया। मायावती ने अपने पूर्व के शासनकाल में बनवाए गए स्मारकों की देखरेख करने के लिए उत्तर प्रदेश की मौजूदा बीजेपी सरकार के प्रति आभार भी व्यक्त किया।