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Operation Mahadev: 'दर्द तो नहीं जाएगा लेकिन थोड़ी शांति मिलेगी...'; 'ऑपरेशन महादेव' पर बोले पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवार

Operation Mahadev: संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर जारी चर्चा के बीच ऐशन्या द्विवेदी ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए सभी 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की है। 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास एक घास के मैदान में आतंकवादियों की तरफ से की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Jul 28, 2025 पर 9:46 PM
Operation Mahadev: 'दर्द तो नहीं जाएगा लेकिन थोड़ी शांति मिलेगी...'; 'ऑपरेशन महादेव' पर बोले पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवार
Operation Mahadev: भारतीय सेना ने श्रीनगर के पास एक मुठभेड़ में 28 जुलाई को तीन आतंकवादियों को मार गिराया

Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के पीड़ित कानपुर के शुभम द्विवेदी की विधवा पत्नी ऐशन्या द्विवेदी ने ''ऑपरेशन महादेव' पर सोमवार (28 जुलाई) को कहा कि दर्द तो नहीं जाएगा, लेकिन हमें थोड़ी शांति मिलेगी। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके के जंगलों में सेना के शीर्ष पैरा कमांडो ने सोमवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के कथित मास्टरमाइंड और उसके दो साथियों को मार गिराया। इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

इसके अलावा संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर जारी चर्चा के बीच ऐशन्या द्विवेदी ने हमले में मारे गए सभी 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की है। 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास एक घास के मैदान में आतंकवादियों की तरफ से की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

ऐशन्या द्विवेदी ने NDTV से बातचीत में कहा, "मुझे वाकई थोड़ी राहत मिली है कि शुरुआत हो चुकी है। दर्द तो नहीं जाएगा लेकिन कम से कम हमें और उन सभी को थोड़ी शांति मिलेगी जिन्‍होंने उस हमले में अपनों को खोया है। अब मैं थोड़ी शांति से सो सकूंगी कि जिन लोगों ने मेरे पति को मारा है, वो मारे गए हैं। जल्‍द ही उन लोगों को भी मौत के घाट उतारा जाएगा जो इस तरह के ऑपरेशंस चला रहे हैं या आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। मुझे अपनी भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है।"

द्विवेदी ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद एक कैंसर की तरह है। इसे खत्म करना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने पीटीआई को फोन पर कहा, "(पहलगाम आतंकी) हमले को तीन महीने हो गए हैं और अब जाकर इस मामले पर संसद में चर्चा हो रही है।" ऐशन्या ने कहा, "मैंने पूरा दिन इस उम्मीद में बिताया कि आज की चर्चा से 26 शहीदों, उनके परिवारों और उनकी विधवाओं के लिए कुछ ठोस निकलेगा।"

उन्होंने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए व्यवस्था स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा, "मैं सिर्फ 27-28 साल की हूं। मुझे नहीं पता कि लोग हमसे क्या उम्मीद करते हैं या वे हमसे कैसे आगे बढ़ने की उम्मीद करते हैं। लेकिन मैं एक बात जानती हूं कि मैं इस देश की बेटी हूं, और वह इस धरती के सपूत थे। अगर यह देश सचमुच अपने नागरिकों के साथ खड़ा है, तो यह दिखाने का समय आ गया है।" ऐशन्या ने कहा कि आतंकवादियों ने किसी की जाति या राजनीतिक दल नहीं पूछा। उन्होंने भारतीयों पर हमला किया।

उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने सरकार के इस दावे पर कथित तौर पर सवाल उठाया था कि हमलावर पाकिस्तान से थे। ऐशन्या ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कुछ लोग, ऐसे असंवेदनशील बयान क्यों दे रहे हैं। क्या वे भूल जाते हैं कि वे पहले भारतीय हैं? यह आतंकवादी हमला किसी की राजनीतिक संबद्धता पूछकर नहीं किया गया था। यह भारतीयों पर-हमारे अपने लोगों पर, इस देश में शांति से रह रहे हिंदुओं पर हमला था।"

उन्होंने कहा कि शायद उनपर कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ, इसलिए वे इतनी लापरवाही से बात कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को एक आतंकी हमले में शुभम समेत 26 लोगों की मौत हो गई। कानपुर निवासी कारोबारी शुभम को अपनी शादी के कुछ दिनों बाद ही पत्नी के साथ घूमने गए थे, जहां उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।

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