Sanchar Sathi App: सरकार के संचार साथी ऐप ऑर्डर पर छिड़ा विवाद, विपक्ष ने बताया 'Pegasus++' और 'तानाशाही' टूल

Sanchar Saathi App: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्ति चिदंबरम ने इस प्री-इंस्टॉल्ड ऐप को 'Pegasus++' करार दिया। चिदंबरम ने कहा कि सी ऐप की मदद से 'बिग ब्रदर हमारा फोन और काफी हद तक हमारे पूरे निजी जीवन को अपने कब्जे में ले लेगा'

अपडेटेड Dec 02, 2025 पर 11:55 AM
Story continues below Advertisement
विपक्ष ने इसे नागरिकों के निजता के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला बताया है

Sanchar Saathi App: भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा नए 'संचार साथी ऐप' को लेकर दिए गए आदेश ने देश में एक बड़ा सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया है। इस नए आदेश के तहत, भारत में बिक्री के लिए निर्मित या आयात किए जाने वाले सभी नए मोबाइल हैंडसेट में इस ऐप का प्री-इंस्टॉल होना अनिवार्य कर दिया गया है। विपक्ष ने इसे नागरिकों के निजता के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला बताया है।

सरकार इंस्टॉल करा रही 'तानाशाही का टूल': कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने इस आदेश की कड़ी आलोचना करते हुए इसे 'भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हो रहे हमलों की लंबी श्रृंखला का हिस्सा' बताया, और कहा कि इसे जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वेणुगोपाल ने X पर लिखा, 'एक प्री-लोडेड सरकारी ऐप जिसे अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकता, हर भारतीय की निगरानी करने के लिए एक तानाशाही उपकरण है। यह प्रत्येक नागरिक की हर गतिविधि, बातचीत और निर्णय पर नजर रखने का एक माध्यम है।' उन्होंने केंद्र सरकार से संचार साथी ऐप के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा, 'बिग ब्रदर हमें नहीं देख सकता। यह DoT निर्देश पूरी तरह से असंवैधानिक है।'


पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता कार्ति चिदंबरम ने इस प्री-इंस्टॉल्ड ऐप को 'Pegasus++' करार दिया। चिदंबरम ने कहा कि सी ऐप की मदद से 'बिग ब्रदर हमारा फोन और काफी हद तक हमारे पूरे निजी जीवन को अपने कब्जे में ले लेगा।'

क्या है सरकारी आदेश?

सरकारी आदेश के अनुसार, कंपनियों को 'संचार साथी ऐप' को इंस्टॉल करने के इस नए आदेश का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है। हालांकि, उद्योग के अधिकारी संभावित विरोध की आशंका जता रहे हैं, खासकर इसलिए क्योंकि यूजर्स इस ऐप को प्री-इंस्टॉल होने के बाद डिलीट नहीं कर पाएंगे। यह निर्देश भारत में संचालित Apple, Samsung, Xiaomi, Oppo और Vivo सहित सभी प्रमुख स्मार्टफोन निर्माताओं पर लागू होता है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह आवश्यकता डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने और उपयोगकर्ताओं द्वारा धोखाधड़ी, स्पैम और डिवाइस चोरी की रिपोर्ट करने के तरीके को सुव्यवस्थित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

SIM-बाइंडिंग से सिक्योरिटी होगी बेहतर

यह रोलआउट DoT के हालिया निर्देश के साथ भी जुड़ा हुआ है, जिसमें WhatsApp, Signal और Telegram जैसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को SIM-बाइंडिंग लागू करने के लिए कहा गया है। एक बार लागू होने पर, ये ऐप्स केवल रजिस्ट्रेशन के दौरान उपयोग किए गए सिम के साथ ही कार्य करेंगे, और WhatsApp वेब जैसी लिंक्ड सेवाओं को समय-समय पर लॉग आउट कर दिया जाएगा।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।