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पहलगाम के बाद सब्र का बांध तो टूटा लेकिन पीएम मोदी की नजर अर्जुन की तरह चिड़िया की आंख पर टिकी

पहलगाम के बाद पीएम मोदी की बॉडी लैंग्वेज से भी ऐसा ही लग रहा कि इस मामले पर उनकी खामोशी आने वाले तूफान का संकेत है। जनता के बीच जाकर ये शांत चेहरा ये साबित कर रहा है कि बड़ी चालें परदे के पीछे ही चली जा रहीं हैं जिसकी थाह पाकिस्तान में आतंकियों के आकाओं को नहीं मिल पा रही

Amitabh Sinhaअपडेटेड Apr 30, 2025 पर 7:01 PM
पहलगाम के बाद सब्र का बांध तो टूटा लेकिन पीएम मोदी की नजर अर्जुन की तरह चिड़िया की आंख पर टिकी
देश की जनता को भरोसा है कि पीएम नरेंद्र मोदी समझ बूझ कर अपनी अगली चाल चलेंगे

पहलगाम पर निहत्थे पयर्टकों पर पाकिस्तान से आए आतंकियों की बर्बरता न तो पीएम मोदी भूलेंगे और न ही देश की जनता। पहलगाम ने देश के सब्र का बांध तोड़ दिया है। देश को भरोसा है कि मोदी सरकार हड़बड़ाहट में ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे पाकिस्तान को सिर उठाने का मौका मिले। पीएम मोदी का एक ही ऐजेंडा है कि समय कम है और दुश्मनों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना है। तभी तो पहलगाम मे हुए नृशंष हत्याकांड के बाद पीएम मोदी अपने 11 साल के पूरे कार्यकाल में पहली बार विदेश दौरे को रद्द कर बीच में वापस लौटे थे। एयरपोर्ट पर ही शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और सुबह पहली बैठक कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की बैठक में पूरे मामले की तह तक गए। फिर क्या था भारत का एक के बाद एक पाकिस्तान को घेरने की कवायद शुरू कर दी।

 तनाव नहीं झलकना पीएम मोदी के व्यक्तित्व की विशेष खासियत

 जाहिर है सब्र का बांध पूरे देश का टूटा है। पीएम मोदी के भी सब्र का बांध टूटा है। देश की जनता को भरोसा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी समझ बूझ कर अपनी अगली चाल चलेंगे। पीएम ये भी जानते हैं कि कश्मीर के साथ साथ देश का मनोबल बढ़ाए रखना है। हम बात कर रहे हैं पीएम के बॉडी लैंग्वेज की। तनाव तो अंश मात्र का नजर नहीं आ रहा है।

पीएम मोदी के व्यक्तित्व की खासियत ही यही है कि विपरित परिस्थितियों में भी उनके चेहरे और उनकी बॉडी लैंग्वेज ये जरा भी नजर नहीं आता कि वो किसी बात को लेकर परेशान हैं या फिर विचलित हैं। पाकिस्तान के खिलाफ कारवाई के लिए रणनीति बनाते पीएम मोदी रोजमर्रा के प्रशासनिक और विकास के कामों को भी बिना किसी क्लेश के निपटना रहे है। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट की समिति ने जातिय जनगणना का फैसला भी ले लिया है जिसके दूरगामी असर होने वाला है।

पीएम मोदी ऐसे ही हैं। इस महत्वपूर्ण वक्त में पीएम एक के बाद एक जनता के बीच कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। पहलगाम के बाद वो बिहार में जनता के बीच एक रैली में गए और पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी। फिर देश भर के युवाओं को रोजगार मेले के तहक नियुक्ति पत्र भी बांटे। दुश्मन पाकिस्तान को घुटने टेकने को मजबूर करने की कारवाही चलती रही और पीएम विकास से संबंधित योजनाओं को देश के लिए समर्पित करते रहे हैं।

इतने तनावों के बीच पीएम मोदी के चेहरे पर कोई शिकन नजर नहीं आ रहा है कि किसी बड़े काम को अंजाम देने जा रहे हैं। इसके पहले भी कई उदाहरण आए हैं कि पीएम मोदी ऐसे ही शांत रहे हैं और अपनी गरीमामय उपस्थिति बनाए रखे और परदे के पीछे हर बड़ा कदम उठा कर देश के सामने साबित कर दिया कि मोदी है तो मुमकिन है।

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