भारत और अमेरिका 10 वर्षीय डिफेंस फ्रेमवर्क पर करेंगे हस्ताक्षर : पेंटागन

पेंटागन ने कहा है कि दोनों पक्षों ने भारत के साथ अटके हुए अहम अमेरिकी डिफेंस बिक्री करारों और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ डिफेंस इंडस्ट्रियल सहयोग की अहमियत पर चर्चा की

अपडेटेड Jul 03, 2025 पर 8:08 AM
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दोनों पक्षों ने भारत के साथ अटके हुए अहम अमेरिकी डिफेंस बिक्री करारों और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ डिफेंस इंडस्ट्रियल सहयोग की अहमियत पर चर्चा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष पीट हेगसेथ के बीच फोन पर बातचीत के एक दिन बाद, पेंटागन ने कहा है कि दोनों देश (भारत और अमेरिका) आपसी रक्षा और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए 10 साल के फ्रेम वर्क पर काम करने पर सहमत हुए हैं। दोनें देशों के बीच एक डिफेंस फ्रेमवर्क बनाए जाने पर लिए गए फैसले का उल्लेख बुधवार को जारी पेंटागन के बयान में किया गया। इस बयान में कहा गया, "सचिव हेगसेथ और मंत्री सिंह इस साल होने वाली अगली बैठक में अगले 10 वर्षीय अमेरिका-भारत डिफेंस फ्रेम वर्क पर हस्ताक्षर करने पर सहमत हुए हैं।"

इस बयान में आगे कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत के साथ अटके हुए अहम अमेरिकी डिफेंस बिक्री करारों और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ डिफेंस इंडस्ट्रियल सहयोग की अहमियत पर चर्चा की। सचिव हेगसेथ ने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण एशिया में अमेरिका भारत को अपना अहम रक्षा साझेदार मानता है।"

इस बयान में यह भी कहा गया कि दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फरवरी 2025 के संयुक्त वक्तव्य में तय रक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में दोनों देशों द्वारा की गई अब तक प्रगति की समीक्षा की।


पेंटागन ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा,"दोनों ने भारत के साथ अटके हुए प्रमुख अमेरिकी डिफेंस बिक्री और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ डिफेंस इंडस्ट्रियल सहयोग की जरूरी पर भी चर्चा की गई ।"

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मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि मंगलवार को फोन पर हुई बातचीत में राजनाथ सिंह ने हेगसेथ से आग्रह किया कि तेजस हल्के लड़ाकू विमान को शक्ति प्रदान करने के लिए GE F414 इंजन की आपूर्ति में तेजी लाई जाए। इसके अलावा उन्होंने ने भारत में F414 जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी डिफेंस कंपनी जीई एयरोस्पेस के बीच प्रस्तावित सौदे को जल्द अंतिम रूप देने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि जीई एयरोस्पेस द्वारा F414 इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण एचएएल भारतीय वायु सेना को तेजस Mark 1A विमान की आपूर्ति करने की समय सीमा से चूक गया है।

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