पटेल पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने अनुमति नहीं दी: PM मोदी
PM Modi News: गुजरात के एकता नगर में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भी भारत में मिलाना चाहते थे। लेकिन तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया
PM Modi News: पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल के लिए 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का विचार सर्वोपरि था
PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भी भारत में मिलाना चाहते थे। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि घुसपैठ की घटनाएं भारत के जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ रही थीं। इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा, "सरदार पटेल का मानना था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि आजादी के बाद सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय कराने का असंभव सा लगने वाला कार्य पूरा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने जो नीतियां बनाईं, जो निर्णय लिए, उन्होंने नया इतिहास रच दिया। PM मोदी ने कहा, "एक भारत, श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरि था।"
कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर और देश को इस मुद्दे से निपटने में पार्टी की गलतियों की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने कहा, "सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे। लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया। कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।"
कांग्रेस पर बोला हमला
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल के लिए देश की संप्रभुता सर्वोपरि थी। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद, सरकारों ने देश की संप्रभुता के संबंध में उतनी गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा, "कश्मीर में हुई गलतियां, पूर्वोत्तर में उत्पन्न समस्याएं और पूरे देश में फैला नक्सलवाद-माओवाद, ये सभी राष्ट्र की संप्रभुता के लिए गंभीर चुनौतियां थीं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की नीतियों पर चलने के बजाय उस दौर की सरकारों ने रीढ़विहीन रवैया अपनाया।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस की कमजोर नीतियों के कारण कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया, जिसने फिर राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा दिया। कश्मीर और देश ने भारी कीमत चुकाई, फिर भी कांग्रेस हमेशा आतंकवाद के आगे झुकी। वह सरदार पटेल के दृष्टिकोण को भूल गई, लेकिन हम नहीं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 की बेड़ियां तोड़कर कश्मीर पूरी तरह से मुख्यधारा में शामिल हो गया है।
पीएम मोदी ने कहा, "आज पाकिस्तान और आतंकवादी भी जानते हैं कि भारत की असली ताकत क्या है। 'ऑपरेशन सिंदूर' में दुनिया ने देखा कि अगर कोई भारत पर बुरी नजर डालेगा तो हम उसके घर में घुसकर उसे खत्म कर देंगे। यह सरदार पटेल का भारत है।"
पिछले 11 वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यह समस्या देश से जड़ से समाप्त नहीं हो जाती। पीएम मोदी ने कहा, "2014 से पहले देश के लगभग 125 जिले माओवाद के आतंक से प्रभावित थे। आज यह 11 जिलों तक सीमित है। उनमें भी केवल तीन जिलों में ही नक्सलवाद कायम है।"
उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासी भारत की एकता और आंतरिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा हैं। उन्होंने आरोप लगाया, "ये अवैध प्रवासी हमारे संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं और जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ रहे हैं जिससे देश की एकता खतरे में पड़ रही है। लेकिन पिछली सरकारों ने केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आंखें मूंद ली थीं।"
'अंग्रेजों से गुलामी की मानसिकता विरासत में मिली'
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पार्टी को भारत पर राज करने वाले अंग्रेजों से गुलामी की मानसिकता विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि देश औपनिवेशिक मानसिकता के हर निशान को मिटा रहा है।
पीएम मोदी ने पूछा, "राजनीतिक अस्पृश्यता को देश में एक संस्कृति बना दिया गया था। हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस सरकारों के शासनकाल में सरदार पटेल और उनकी विरासत का क्या हश्र हुआ। इन लोगों ने बाबासाहेब आंबेडकर के साथ उनके जीवनकाल में और उनकी मृत्यु के बाद भी क्या किया? उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. लोहिया और जयप्रकाश नारायण के साथ क्या किया?"
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी हमले और षड्यंत्र किए गए। PM मोदी ने कांग्रेस पर धार्मिक आधार पर 'वंदे मातरम' के कुछ हिस्से को हटाने का आरोप लगाया। पीएम ने इसे समाज को विभाजित करने वाला और ब्रिटिश एजेंडे को आगे बढ़ाने वाला कृत्य बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, "जिस दिन कांग्रेस ने 'वंदे मातरम' को तोड़ने और विभाजित करने का फैसला किया उसी दिन भारत के विभाजन की नींव रख दी गई। अगर वह पाप न किया गया होता तो आज भारत की तस्वीर बिल्कुल अलग होती।"
कुछ राज्यों में भाषा विवाद के बीच प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि हर भाषा एक राष्ट्रीय भाषा है और किसी भी भाषा को दूसरों पर थोपने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया। भाषा को भारत की एकता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की सैकड़ों भाषाएं और बोलियां इसकी खुली और रचनात्मक सोच का प्रतीक हैं। अपने संबोधन से पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का निरीक्षण किया। इसमें पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों ने भाग लिया।