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RBI Monetary Policy: आरबीआई ने CRR में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की, जानिए क्या होगा इसका असर

RBI Monetary Policy: सीआरआर में कटौती चार किस्तों में की जाएगी। इससे बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ जाएगी। सीआरआर में कटौती की शुरुआत 6 सितंबर को होगी। फिर दूसरी बार इसमें 4 अक्टूबर को कमी होगी। तीसरी बार 1 नवंबर को कमी होगी। चौथी और अंतिम बार 29 नवंबर को कटौती होगी

Rakesh Ranjanअपडेटेड Jun 06, 2025 पर 11:21 AM
RBI Monetary Policy: आरबीआई ने CRR में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की, जानिए क्या होगा इसका असर
CRR में कमी से बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ जाएगी।

आरबीआई ने 6 जून को मॉनेटरी पॉलिसी में कई बड़े फैसलों का ऐलान किया। इनमें कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कमी शामिल है। इससे सीआरआर 4.5 फीसदी से घटकर 3.5 फीसदी पर आ जाएगा। यह केंद्रीय बैंक का बड़ा फैसला है, क्योंकि इससे बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी। इससे ग्राहकों को वे खुलकर होम लोन और कार लोन ऑफर कर सकेंगे। पहले यह जान लेना जरूरी है कि सीआरआर क्या है?

क्या है कैश रिजर्व रेशियो?

CRR का मतलब कैश रिजर्व रेशियो है। इस रेशियो के हिसाब से बैंकों को अपने डिपॉजिट का एक हिस्सा कैश रिजर्व में रखना पड़ता है। यह बैंकों को मुश्किल वक्त में फंसने से बचाता है। सीआरआर घठने का मतलब है कि अब बैंकों को अपने डिपॉजिट का कम हिस्सा कैश रिजर्व में रखना पड़ेगा। इससे उनके पास ग्राहकों को लोन देने के लिए ज्यादा पैसे उपलब्ध होंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई ने रेपो रेट और सीआरआर में कमी एक साथ की है। यह बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिहाज से साहसिक फैसला है।

इसका क्या असर पड़ेगा?

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