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RBI MPC Meeting : वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% पर बरकरार

RBI MPC Meeting june 2025:पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्न ने कहा कि कृषि सेक्टर की स्थिति मजबूत बनी हुई है। ग्रामीण मांग स्थिर है। शहरी मांग बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इसी तरह वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही का रियल GDP अनुमान 6.6 फऱीसदी पर बरकरार रखा गया है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jun 06, 2025 पर 11:19 AM
RBI MPC Meeting : वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% पर बरकरार
RBI CREDIT POLICY:वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही रियल GDP अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार। इसी तरह वित्त वर्ष 2026 का रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है

RBI policy meet : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जून की नीति बैठक में उम्मीद से कहीं ज़्यादा 50 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती करके बाज़ार को चौंका दिया है। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6 प्रतिशत से घटा कर 5.5 प्रतिशत करने का फैसला किया है। फरवरी और अप्रैल में लगातार दो बार 25 आधार अंकों की कटौती के बाद यह कटौती की गई है। आरबीआई एमपीसी ने अपना रुख बदलकर न्यूट्रल करने का फैसला लिया है। इसके चलते स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी दर 5 फीसदी तथा मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी (MSF) दर और बैंक दर 5.75 फीसदी हो गई है। बता दें कि मनीकंट्रोल के सर्वे में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी)द्वारा दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान लगाया गया था।

पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्न ने कहा कि कृषि सेक्टर की स्थिति मजबूत बनी हुई है। ग्रामीण मांग स्थिर है। शहरी मांग बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इसी तरह वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही का रियल GDP अनुमान 6.6 फऱीसदी पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही का रियल GDP अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही रियल GDP अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार। इसी तरह वित्त वर्ष 2026 का रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।

आरबीआई गर्वनर ने ये भी बताया कि वित्त वर्ष 2025 में करेंट अकाउंट घाटा (CAD) कम हुआ है। CAD मौजूदा स्तर पर कायम रहने की उम्मीद है। विदेशी मुद्रा भंडार के लिए FDI जरूरी है। FY25 के ग्रॉस FDI निवेश में बढ़ोतरी दिखी है। भारत निवेश के लिए आकर्षक विकल्प बना हुआ है। 30 मई तक विदेशी मुद्रा भंडार 69,150 करोड़ डॉलर था।

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