
चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की समय सीमा एक हफ़्ते और बढ़ा दी है। इस फैसले से लोगों को अपने नाम, पता या अन्य विवरण वोटर लिस्ट में ठीक करने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाएगा, ताकि आने वाले चुनावों में किसी भी तरह की दिक्कत न हो। यह बढ़ी हुई समय सीमा अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में लागू होगी। आयोग का यह नया आदेश पहले जारी किए गए निर्देशों की जगह लागू होगा। इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी राज्यों में मतदाता सूची जितनी संभव हो सके उतनी सटीक और अपडेटेड रहे।
चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की टाइमलाइन में बदलाव करते हुए नई तारीखें जारी की हैं
नोटिस जारी करना, सुनवाई करना और जानकारी की जांच
अब 16 दिसंबर 2025 से 7 फरवरी 2026 तक चलेंगे। इस अवधि में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) दावों, आपत्तियों और गिनती से जुड़े फॉर्मों पर एक साथ काम करेंगे। चुनाव आयोग का कहना है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का मकसद मतदाता सूची को पूरी तरह सही, अपडेटेड और अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने वाला बनाना है, ताकि आने वाले बड़े चुनावों में किसी मतदाता का नाम छूट न जाए। समय सीमा बढ़ाने से वोटरों को अपनी जानकारी चेक करने, गलतियों को सुधारने और जरूरी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाएगा। अधिकारियों ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों से अपील की है कि वे इस बढ़ी हुई समयावधि का पूरा लाभ लें, ताकि भविष्य में मतदान के अधिकार से वंचित न होना पड़े।
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