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CAA के तहत असम में अब तक सिर्फ 3 लोगों को मिली नागरिकता, सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने दी जानकारी

citizenship in Assam under CAA: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार (3 सितंबर) को बताया कि राज्य में लाखों विदेशियों को नागरिकता मिलने की आशंका के बीच जब केवल 12 आवेदन आए हैं, तो सीएए पर चर्चा करना व्यर्थ है। सीएम ने कहा कि असम में सीएए के तहत अब तक केवल तीन लोगों को नागरिकता मिली है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Sep 03, 2025 पर 2:49 PM
CAA के तहत असम में अब तक सिर्फ 3 लोगों को मिली नागरिकता, सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने दी जानकारी
citizenship in Assam under CAA: तीनों नागरिकों की मूल राष्ट्रीयता के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की गई है

citizenship in Assam under CAA: असम में संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) के तहत अब तक केवल तीन विदेशियों को भारतीय नागरिकता मिली हैजबकि कुल 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार (3 सितंबर) को बताया कि राज्य में लाखों विदेशियों को नागरिकता मिलने की आशंका के बीच जब केवल 12 आवेदन आए हैं, तो सीएए पर चर्चा करना व्यर्थ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में सीएए के तहत अब तक केवल तीन लोगों को नागरिकता मिली है। हालांकि, उन्होंने इन तीनों नागरिकों की मूल राष्ट्रीयता के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की।

सीएम ने बताया, "हमें अब तक केवल 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से नौ आवेदन अभी विचाराधीन हैं।" संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) 2019 का विरोध किए जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा, "कहा गया था कि 20 से 25 लाख लोग असम में नागरिकता प्राप्त कर लेंगे। अब आप ही तय करें कि जब केवल 12 आवेदन आए हैं, तो क्या सीएए पर चर्चा करना प्रासंगिक है?"

अगस्त 2024 में असम के 50 वर्षीय दुलोन दास सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बने थे। CAA का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले तक भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदायों के लोगों को भारत में पाच वर्षों के निवास के बाद नागरिकता प्रदान करना है।

केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को सीएए के नियमों की अधिसूचना जारी कर इसे लागू किया था। पिछले साल जुलाई में असम सरकार ने अपनी सीमा पुलिस इकाई को निर्देश दिया था कि 2015 से पहले राज्य में प्रवेश करने वाले गैर-मुस्लिम अवैध प्रवासियों के मामलों को विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) को न भेजा जाए

साथ ही उन्हें सीएए के माध्यम से नागरिकता के लिए आवेदन करने की सलाह दी जाए। पिछले महीने, राज्य सरकार ने सीएए के लागू होने के बाद सभी जिलों को निर्देश दिया था कि 2015 से पहले राज्य में प्रवेश करने वाले संदेहास्पद गैर-मुस्लिम अवैध प्रवासियों के खिलाफ एफटी में जारी मामलों को वापस ले लिया जाए।

CAA की आखिरी तिथि बढ़ाई गई

इस बीच, खबर आ रही है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए 31 दिसंबर, 2024 तक भारत आए अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई के सदस्यों को बिना पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों के देश में रहने की अनुमति दी जाएगी।

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