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Stray Dogs: 'देश की छवि विदेशों में खराब हो रही है'; आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को लगाई फटकार, चीफ सेक्रेटरी को बुलाया

Stray Dogs Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर) को पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आवारा कुत्तों के मुद्दे से संबंधित मामले में अनुपालन हलफनामा दायर करने में विफल रहने पर शीर्ष अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Oct 27, 2025 पर 3:04 PM
Stray Dogs: 'देश की छवि विदेशों में खराब हो रही है'; आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को लगाई फटकार, चीफ सेक्रेटरी को बुलाया
Stray Dogs Order: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि उसके 22 अगस्त के आदेश के बावजूद हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया गया?

Stray Dogs Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर) को आवारा कुत्तों के मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जमकर फटकार लगाई। आवारा कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इससे देश की छवि विदेशों में खराब दिखाई जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को अदालत में पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा कि उसके 22 अगस्त के आदेश के बावजूद अनुपालन हलफनामा (compliance affidavits) क्यों नहीं दाखिल किया गया?

शीर्ष अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम (MCD) को छोड़कर अन्य किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने अनुपालन शपथपत्र दाखिल नहीं किया है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन वी अंजारिया की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा, "आज 27 अक्टूबर है। कोई जवाब नहीं, कुछ भी नहीं। और लगातार घटनाएं हो रही हैं। देश की छवि विदेशों में खराब दिखाई जा रही है"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 22 अगस्त के आदेश का अनुसरण करते हुए केवल तीन अनुपालन हलफनामे दायर किए गए हैं। पीठ ने कहा, "सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। चूंकि उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है इसलिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों (कुछ को छोड़कर) को अगले सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे अदालत में उपस्थित रहना होगा। उन्हें यह बताना होगा कि अनुपालन शपथपत्र क्यों दाखिल नहीं किए गए"

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