Get App

Uttarkashi: 'पापा, हम नहीं बचेंगे' नेपाली दंपत्ति ने बाढ़ में लापता बेटे के साथ हुई आखिरी बातचीत को किया याद

Uttarkashi Cloudburst: विजय सिंह ने अपने बेटे के साथ दो मिनट की उस फोन कॉल को भी याद किया, जो काफी इमोशनल के साथ-साथ तनावपूर्ण भी थी। उन्होंने बताया कि घाटी में बादल फटने से आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद से उनका बेटा लापता है और ये बातचीत हादसे से ठीक पहले की है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 07, 2025 पर 2:49 PM
Uttarkashi: 'पापा, हम नहीं बचेंगे' नेपाली दंपत्ति ने बाढ़ में लापता बेटे के साथ हुई आखिरी बातचीत को किया याद
Uttarkashi Cloudburst: नेपाली दंपत्ति ने बाढ़ में लापता बेटे के साथ हुई आखिरी बातचीत को किया याद

5 अगस्त को पहाड़ी गांव धराली में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद उत्तरकाशी में भारी तबाही मच गई, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ। अब भी बचाव अभियान चल रहा है, इस बीच नेपाल से आई प्रवासी मजदूर काली देवी और उनके पति विजय सिंह ने अपने उस खौफनाक अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह वे उस आपदा से बाल-बाल बच गए, जिसमें उनके आसपास कई लोगों की जान चली गई।

सिंह ने अपने बेटे के साथ दो मिनट की उस फोन कॉल को भी याद किया, जो काफी इमोशनल के साथ-साथ तनावपूर्ण भी थी। उन्होंने बताया कि घाटी में बादल फटने से आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद से उनका बेटा लापता है और ये बातचीत हादसे से ठीक पहले की है।

NDTV के अनुसार सिंह ने कहा, "उसने मुझसे कहा, 'पापा, हम बच नहीं पाएंगे; नाले में बहुत पानी है।'" सिंह घाटी में सड़क और पुल बनाने के काम में लगे नेपाल के 26 मजदूरों के ग्रुप का हिस्सा थे।

देवी ने कहा, "जब हम घाटी से निकले थे, तो हमने कभी नहीं सोचा था कि इस इलाके में ऐसी आपदा आएगी। अगर मुझे आने वाली बाढ़ के बारे में पता होता, तो मैं अपने बच्चों को यहां नहीं छोड़ती।" वह अपने पति के साथ गंगावाड़ी तक पैदल चली थीं, जो हरसिल घाटी जाने वाला रास्ता है, लेकिन जब उन्हें पता चला कि भागीरथी नदी पर बना सीमा सड़क संगठन का एक अहम पुल बाढ़ में बह गया है, तो उन्हें वापस लौटना पड़ा।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें