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'NOTA होता तो...' BJD के बाद BRS ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग से खुद को किया दूर

इससे पहले ओडिशा की बीजू जनता दल ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। BRS के वर्तमान में राज्यसभा में चार सदस्य हैं, और लोकसभा में उसका कोई सदस्य नहीं है। उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल की ओर से किया जाता है, जिसमें लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और उच्च सदन के मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 08, 2025 पर 7:05 PM
'NOTA होता तो...' BJD के बाद BRS ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग से खुद को किया दूर
BJD के बाद BRS ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग से खुद को किया दूर

भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने मंगलवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। KTR ने कहा, "यह फैसला पार्टी अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में लिया गया।" उन्होंने बताया कि इस फैसले से पार्टी के राज्यसभा सांसदों को अवगत करा दिया गया है और उन्हें मतदान से दूर रहने को कहा गया है।

इससे पहले ओडिशा की बीजू जनता दल ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। BRS के वर्तमान में राज्यसभा में चार सदस्य हैं, और लोकसभा में उसका कोई सदस्य नहीं है।

उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल की ओर से किया जाता है, जिसमें लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और उच्च सदन के मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं।

2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में BRS (तब तेलंगाना राष्ट्र समिति) ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को वोट दिया था। उस समय पार्टी के पास कुल 16 सांसद थे, जिनमें से 9 लोकसभा सदस्य थे।

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