SIR Debate: 'वोट चोरी सबसे बड़ा देशद्रोह है'; चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी का हमला, BJP का तीखा पलटवार

SIR Debate Parliament: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विभिन्न संस्थाओं और चुनाव आयोग (ECI) पर कब्जा कर लिया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1975 में संस्थानों को बर्बाद कर दिया था

अपडेटेड Dec 09, 2025 पर 6:55 PM
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SIR Debate Parliament: राहुल गांधी ने कहा कि ‘वोट चोरी’ राष्ट्र विरोधी कृत्य सत्तापक्ष के लोग यह कर रहे हैं

SIR Debate Parliament: संसद में मंगलवार को कई राज्यों में जारी वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर जोरदार बहस हुई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसने चुनाव आयोग (EC) पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इसका इस्तेमाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अपने पक्ष में करने के लिए कर रही है। वहीं, बीजेपी की तरफ से निशिकांत दुबे ने गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1975 में संस्थानों को बर्बाद कर दिया था। उन्होंने कहा कि अब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' को सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी कृत्य करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष में बैठे लोग इस कृत्य को अंजाम दे रहे हैं। गांधी ने कहा ये लोग आइडिया ऑफ इंडिया (भारत की अवधारणा) नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर चुनाव आयोग तथा दूसरी संस्थाओं पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया।

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से मांगी ये जानकारी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव से एक महीने पहले सभी राजनीतिक दलों को मशीन से पढ़ने योग्य वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई, मतदान के समय की सीसीटीवी फुटेज दी जाए। साथ ही EVM स्टक्चर के बारे में जानकारी दी जाए। उनका कहना था कि साल 2023 के उस कानून को बदलिए जो निर्वाचन आयुक्तों को यह ताकत देता है कि वो जो चाहें वो करें। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा-शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के तहत तीन सदस्यीय चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।

राहुल गांधी ने कहा, "हम सिर्फ सबसे बड़े लोकतंत्र नहीं हैं, बल्कि हम सबसे महान लोकतंत्र भी हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि कि इस महान देश को नष्ट किया जा रहा है। सब जानते हैं कि यह हो रहा है। राहुल गांधी ने हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में हेराफेरी का आरोप दोहराते हुए कहा, "सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी काम वोट चोरी है। इससे बड़ा राष्ट्र विरोधी काम कुछ नहीं है। जब आप वोट खत्म करते हैं तो देश के तानेबाने को नष्ट करते हैं, आप आधुनिक भारत को नष्ट करते हैं और भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) को नष्ट करते हैं।"

RSS पर बड़ा आरोप


उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग यह राष्ट्र विरोधी कृत्य कर रहे हैं। राहुल गांधी ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 'प्रोजेक्ट' के तहत विभिन्न संस्थाओं और निर्वाचन आयोग पर कब्जा किया गया।

पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी की छाती में तीन गोलियां लगीं...लेकिन प्रोजेक्ट यहीं खत्म नहीं हुआ। सब कुछ, सारी संस्थाएं वोट से आकार लेती हैं, तो जाहिर है कि आरएसएस को वोट से निकली सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा करना था।"

कांग्रेस नेता ने कहा कि गांधीजी की हत्या के बाद इस 'प्रोजेक्ट' का अगला कदम भारत के संस्थागत ढांचे पर पूर्ण कब्ज़ा करना था। उन्होंने दावा किया कि विश्वविद्यालयों, जांच एजेंसियों और निर्वाचन आयोग पर कब्जा कर लिया गया है।

BJP का पलटवार

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर जोरदार पलटवार किया। दुबे ने कहा कि राहुल गांधी के भाषण से कांग्रेस लड़खड़ाती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि साल 1976 में स्वर्ण सिंह की कमेटी बनी। संविधान में 121 बार राष्ट्रपति का जिक्र है। लेकिन एक संशोधन के माध्यम से कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अधिकार को खत्म कर दिए। प्रेस की पूरी स्वतंत्रता खत्म हो गई। UPSC जैसी संस्था का कांग्रेस का कार्यकर्ता बटुक सिंह 10 साल तक चैयरमेन रहा।

उन्होंने आगे कहा कि देश के पहले चुनाव कमिश्नर सुकुमार सेन जब रिटायर हुए तो उन्हें सूडान का राज्यपाल बनाया गया। कांग्रेस आज किस इमानदारी और चुनाव आयोग की बात कर रही है। बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि अश्विनी कुमार को सीधे सीबीआई का डायरेक्टर बनाया गया। एमके नारायण को कांग्रेस ने सालों तक ढोया।

निशिकांत दुबे ने कहा, "आए थे हरि भजन को.. लेकिन ओटन लगे कपास, खोदा पहाड़ निकली चुहिया...। शहीदों चिताओं पर खड़ी कांग्रेस जिसने भारत को विभाजित किया, आज राहुल गांधी के बयान से मुझे लड़खड़ाती हुई नजर आई। ये संविधान की बात करती हुई नजर आई और मैं 1976 का यह पूरा डिवेट लेकर आया। ये संविधान कैसे कांग्रेस ने तारतार किया। इसका कोई जवाब नहीं... केवल किताब की शिकारी आएगा जाल बिछाएगा, दाना डालेगा, उसमे कोई फंसना नहीं, उसी तरह से सभी चिड़िया फंस गई। ये संविधान का किताब राहुल गांधी और उनकी पार्टी के लिए केवल एक उसी प्रकार की कहावत है।"

वहीं, बीजेपी ने एक बयान में कड़ा जवाब देते हुए कहा, "राहुल गांधी कहते हैं कि चुनाव आयुक्तों को CJI और LoP वाली कमेटी चुनती थी। क्या राहुल कांग्रेस सरकार के दौरान CJI या LoP वाली कमेटी द्वारा चुने गए किसी एक चुनाव आयुक्त का नाम बता सकते हैं? यह कमेटी तब तक के लिए अस्थायी रूप से बनाई गई थी जब तक नया कानून नहीं बन जाता। अब तक कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने सीधे चुनाव आयुक्तों को नियुक्त किया है"

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भगवा पार्टी ने आगे कहा, "क्या राहुल गांधी अपने UPA शासन को भूल गए? 2005 में सोनिया गांधी ने नवीन चावला को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। सोनिया के पास क्या अधिकार था? 2012 में, 2014 के लोकसभा चुनावों की देखरेख के लिए एक नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होनी थी। एलके आडवाणी जी ने कांग्रेस को CEC चुनने के लिए एक कॉलेजियम बनाने का सुझाव दिया था।"

BJP ने आगे कहा, "कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज कर दिया और सीधे वीएस संपत को CEC नियुक्त कर दिया। फिर तुरंत राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मंजूरी मिल गई। इस नियुक्ति पर विपक्ष को भरोसे में भी नहीं लिया गया था। आज नेता प्रतिपक्ष CEC चुनने वाली कमेटी का हिस्सा है। नए CEC के चयन में रचनात्मक रूप से मदद करने के बजाय राहुल गांधी सिर्फ ड्रामा करते हैं।"

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