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Delhi NCR pollution: 80 पद्म पुरस्कार डॉक्टरों की चेतावनी, भारत में खराब हवा बनी हेल्थ इमरजेंसी

Delhi NCR pollution: देशभर के 80 से ज्यादा पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने पहली बार मिलकर चेतावनी दी है कि भारत में एयर पॉल्यूशन अब एक बड़ी हेल्थ इमरजेंसी बन चुका है। इसके कारण हर साल करीब 17 लाख लोगों की मौत हो रही है और कई तरह की बीमारियां व जेनिटिक नुकसान बढ़ रहे हैं।

Translated By: Ashwani Kumar Srivastavaअपडेटेड Dec 06, 2025 पर 7:48 AM
Delhi NCR pollution: 80 पद्म पुरस्कार डॉक्टरों की चेतावनी, भारत में खराब हवा बनी हेल्थ इमरजेंसी
Delhi NCR pollution: 80 पद्म पुरस्कार डॉक्टरों की चेतावनी, भारत में खराब हवा बनी हेल्थ इमरजेंसी

Delhi NCR pollution: देशभर के 80 से ज्यादा पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने पहली बार मिलकर चेतावनी दी है कि भारत में एयर पॉल्यूशन अब एक बड़ी हेल्थ इमरजेंसी बन चुका है। इसके कारण हर साल करीब 17 लाख लोगों की मौत हो रही है और कई तरह की बीमारियां व जेनिटिक नुकसान बढ़ रहे हैं।

देश के कुछ शीर्ष डॉक्टरों ने इस स्थिति को "चिकित्सकीय रूप से अस्वीकार्य" बताते हुए कहा कि जहरीली हवा अब इतने बड़े पैमाने पर लोगों की जान ले रही है कि स्वास्थ्य प्रणाली अब इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती।

डॉक्टरों ने बताया कि भारत में एक-तिहाई से ज्यादा श्वसन संबंधी मौतें और 40% स्ट्रोक से होने वाली मौतें लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से जुड़ी हैं। अब हर साल लगभग 4,00,000 बच्चों की मौत जहरीली हवा से जुड़ी है। उनकी चेतावनी में आगे कहा गया है कि उत्तर भारत में PM2.5 का स्तर नियमित रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 20-40 गुना ज्यादा हो जाता है, जिससे लगभग 70% भारतीय रोजाना खतरनाक हवा में सांस लेते हैं।

ये आंकड़े कई भरोसेमंद और समीक्षा-किए गए शोधों से लिए गए हैं, जिनमें ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट, WHO और UNICEF के अनुमान, लैंसेट विश्लेषण और हवा में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक पर उभरते अंतर्राष्ट्रीय शोध शामिल हैं। तेजी से बढ़ते सबूत दिखाते हैं कि प्रदूषित हवा में पाए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक अब फेफड़ों और खून तक पहुंच रहे हैं, खासकर उन इलाकों में जहां ट्रैफिक ज्यादा होता है।

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