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Anita Anand: कौन हैं भारतीय मूल की अनीता आनंद जो बनी कनाडा की विदेश मंत्री

Anita Anand Foreign Minister Of Canada: हाल के कुछ महीनों में भारत और कनाडा के बीच संबंधों में कड़वाहट देखने को मिली है। विदेश मंत्री के रूप में अनीता आनंद का एक मिशन भारत के साथ लगभग टूट चुके संबंधों को फिर से स्थापित करना होगा

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड May 14, 2025 पर 11:28 AM
Anita Anand: कौन हैं भारतीय मूल की अनीता आनंद जो बनी कनाडा की विदेश मंत्री
भारतीय मूल की अनीता आनंद को कनाडा का विदेश मंत्री नियुक्त किया गया (फोटो: एएफपी)

Anita Anand Foreign Minister Of Canada: कनाडा में हाल ही में चुनाव संपन्न हुए। 2025 के संघीय चुनाव में मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी को बहुमत मिला। पियरे पोइलिवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी विपक्षी दल के रूप में उभरी। हाउस ऑफ कॉमन्स की 343 सीटों में से लिबरल पार्टी को 170 सीटें और कंजर्वेटिव पार्टी ने 143 सीटें मिली। मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री बनाया है। इसके साथ ही अनीता आनंद कनाडा की विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त होने वाली पहली हिंदू महिला भी बन गईं हैं। इस घोषणा के बाद अनीता ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली।

शपथ के बाद उन्होंने कहा, 'कनाडा की विदेश मंत्री नियुक्त किए जाने पर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी टीम के साथ मिलकर एक सुरक्षित, निष्पक्ष दुनिया बनाने और कनाडाई लोगों के लिए काम करने के लिए उत्सुक हूं।'

कौन हैं अनीता आनंद जो बनी कनाडा की विदेश मंत्री?

अनीता आनंद का जन्म 20 मई, 1967 को केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार उनके माता-पिता भारत में डॉक्टर थे, जो 1960 के दशक की शुरुआत में कनाडा चले गए थे। अनीता ने डलहौजी विश्वविद्यालय, टोरंटो विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डिग्री ली हुई है। अनीता आनंद पिछली सरकार में पहले रक्षा मंत्रालय और फिर परिवहन मंत्रालय भी संभाल चुकी है।

साल 2021 में वह रक्षा मंत्री बनीं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को कनाडा की तरफ से दी जा रही सहायता की देखरेख की। इसके साथ ही उन्होंने कनाडाई सशस्त्र बलों के बीच यौन दुराचार को भी उजागर किया था। वह ओकविले, ओंटारियो से संसद सदस्य भी रही हैं। हालांकि उन्होंने इसी साल जनवरी में कहा था कि वह राजनीति छोड़कर एकेडमिक की तरफ में लौट रही हैं। पिछले महीने हुए चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री कार्नी ने उन्हें कैबिनेट में वापस आने और विदेश मामलों का कार्यभार संभालने के लिए राजी कर लिया।

भारत-कनाडा संबंधों को सुधारने पर होगा फोकस

हाल के कुछ महीनों में भारत और कनाडा के बीच संबंधों में कड़वाहट देखने को मिली है। विदेश मंत्री के रूप में अनीता आनंद का एक मिशन भारत के साथ लगभग टूट चुके संबंधों को फिर से स्थापित करना होगा। प्रधानमंत्री कार्नी ने अपने भाषण के दौरान इसके संकेत भी दीये। इसके साथ ही अमेरिका के साथ कनाडा के नाजुक संबंधों को संभालना होगा।

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