हम रोजाना अपने आसपास कई चीजें देखते हैं, लेकिन उनमें छिपे असली मकसद को समझने की कोशिश कम ही करते हैं। फैशन की दुनिया में भी ऐसा ही है। कई बार हम कपड़े, शर्ट या टी-शर्ट सिर्फ स्टाइल और दिखावे के लिए पहनते हैं, लेकिन उनमें कुछ ऐसे डिजाइन एलिमेंट्स छिपे होते हैं जिनका असली मकसद आम लोगों की नजर से छिपा रहता है। ऐसे ही एक डिजाइन है शर्ट्स के कॉलर पर लगे दो छोटे बटन। ज्यादातर लोग इन्हें केवल सजावट या फैशन स्टेटमेंट मानकर पहनते हैं, लेकिन सच तो ये है कि इन बटन्स का एक महत्वपूर्ण और व्यावहारिक काम होता है।
ये बटन कॉलर को ऊपर उठने से रोकते हैं, जिससे पहनने वाला आराम महसूस करता है और कपड़े की बनावट सही रहती है। दरअसल, इन बटन्स की उत्पत्ति घुड़सवारों के कपड़ों से हुई थी, ताकि तेज हवा में भी कॉलर सही रहे और ध्यान भटकने न पाए।
शर्ट्स के कॉलर पर जो छोटे बटन लगे होते हैं, उन्हें डाउन कॉलर बटन कहा जाता है। इन बटन्स का मुख्य उद्देश्य कॉलर को नीचे टिकाए रखना है। नाम से ही समझ आता है – “डाउन कॉलर” कॉलर को नीचे की ओर रखने में मदद करता है।
इस ट्रेंड की शुरुआत घुड़सवारों के कपड़ों से हुई थी। पोलो टी-शर्ट्स और अन्य घुड़सवारी वाले कपड़ों में ये बटन कॉलर को नीचे पकड़ने के लिए लगाए जाते थे। घुड़सवार तेज गति से दौड़ते समय हवा का दबाव उनके कॉलर को ऊपर उठाने लगती थी, जिससे कॉलर उनके चेहरे पर आ जाता था और ध्यान भटकता था।
शर्ट बनाने वाली कंपनियों ने कॉलर के नीचे दो छोटे बटन लगाए। ये बटन हवा के दबाव से कॉलर को ऊपर उठने से रोकते थे। नतीजा ये हुआ कि घुड़सवार सुरक्षित रहते और उनका ध्यान भटकता नहीं।
आज भी डाउन कॉलर वाले शर्ट्स और टी-शर्ट्स फैशन में हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इनके असली उपयोग के बारे में अनजान हैं। ये बटन केवल स्टाइल के लिए नहीं, बल्कि कॉलर को व्यवस्थित रखने और सुविधा देने के लिए बनाए गए हैं।