आंध्र प्रदेश में शनिवार (22 जून) को उस वक्त एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया जब पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के निर्माणाधीन केंद्रीय कार्यालय को नगर निगम अधिकारियों ने कथित अवैध निर्माण के कारण ध्वस्त कर दिया। आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2024 में करारी शिकस्त के बाद पूर्व CM जगनमोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ गई है। राजधानी अमरावती में शनिवार (22 जून) सुबह जगनमोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP के दफ्तर पर बुलडोजर चल गया है।
मंगलागिरी-ताडेपल्ली नगर निगम (MTMC) ने मशीनों और बुलडोजरों का उपयोग करके यह ध्वस्तीकरण किया। यह कार्रवाई राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (CRDA) की ओर से एक नोटिस के बाद शुरू हुई जिसमें कार्रवाई के पीछे अनधिकृत निर्माण को कारण बताया गया था।
विधानसभा चुनाव में विपक्ष में शामिल YSRCP ने कानूनी हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन इसके बावजूद भी तोड़फोड़ जारी रही। उसने दावा किया कि हाई कोर्ट ने किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ गतिविधि पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
हालांकि, सीआरडीए और एमटीएमसी अधिकारियों ने कहा कि YSRCP कार्यालय सिंचाई विभाग की जमीन पर बनाया जा रहा था और निर्माण आवश्यक मंजूरी के बिना आगे बन रहा था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में बुलडोजर आंशिक रूप से निर्मित संरचना को तब तक ढहाते हुए दिखाई दे रहे हैं जब तक कि पूरा परिसर ध्वस्त नहीं हो जाता।
जगनमोहन का नायडू सरकार पर हमला
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के अध्यक्ष वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने गुंटूर जिले के ताडेपल्ली में विपक्षी दल के निर्माणाधीन केंद्रीय कार्यालय को ध्वस्त कर दिया। रेड्डी ने आरोप लगाया कि हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त किया गया।
रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर एक पोस्ट में कहा, ''चंद्रबाबू प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं। एक तानाशाह की तरह उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के मुख्य कार्यालय को खुदाई करने वाली मशीनों और बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया, जबकि वह लगभग बनकर तैयार हो चुका था।''
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक बयान के अनुसार, शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे विपक्षी पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त किया गया। बयान में कहा गया, "वाईएसआरसीपी ने पिछले दिन (शुक्रवार) ही हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और सीआरडीए (राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की कार्रवाई को चुनौती दी थी। इसके बावजूद कार्यालय को ध्वस्त किया गया।"
पार्टी ने कहा कि अदालत ने ध्वस्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया था और पार्टी के एक वकील ने सीआरडीए के आयुक्त को यह जानकारी भी दी थी, लेकिन फिर भी प्राधिकरण ने कार्यालय भवन गिरा दिया। वाईएसआरसीपी के अनुसार, सीआरडीए द्वारा हमारे कार्यालय को गिराना अदालत की अवमानना के समान है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनसेना की भागीदारी वाली MDA सरकार के नेतृत्व में दक्षिणी राज्य में कानून और न्याय पूरी तरह से गायब हो गया है। उन्होंने कहा कि यह तोड़-फोड़ दिखाता है कि अगले 5 साल में नायडू का शासन कैसा होगा।