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Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जारी की 64 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, केंद्रीय मंत्री सहित 3 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा

Chhattisgarh Election 2023: साल 2018 के चुनाव में BJP ने संख्या के आधार पर प्रभावशाली अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के साहू समुदाय से आने वाले 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन उनमें से 13 को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने किसी एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा की है

अपडेटेड Oct 09, 2023 पर 6:16 PM
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Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 एवं 17 नवंबर को मतदान होगा (Photo- Reuters)

Chhattisgarh Election 2023: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 64 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। BJP ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनांदगांव सीट से फिर से उम्मीदवार बनाया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 21 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी थी। इनमें से अधिकांश पंचायत निकायों के प्रतिनिधि हैं, जो दर्शाता है कि पार्टी पुराने चेहरों की जगह दूसरे स्तर के नेताओं के साथ चुनावी लड़ाई के लिए कमर कस रही है।

बीजेपी की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक, पार्टी ने एक केंद्रीय मंत्री सहित तीन सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारा है। सरगुजा से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत सीट से, रायगढ़ की सांसद गोमती साय को पत्थलगांव से और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर से सांसद अरुण साव को लोरमी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

भगवा पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव को कुनकुरी से टिकट दिया है। पूर्व IAS अधिकारी ओपी चौधरी को रायगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है। चंद्रपुर विधानसभा सीट से पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव के परिवार की सदस्य संयोगिता सिंह जूदेव को उम्मीदवार बनाया है।


दो चरण में होंगे मतदान

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 एवं 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व में 15 साल तक राज्य की सत्ता पर काबिज रही BJP को 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। सत्ता विरोधी लहर के अलावा, भ्रष्टाचार के आरोप, पार्टी संगठन और उसके नेतृत्व वाली सरकार के बीच समन्वय की कमी और अन्य पिछड़ा वर्ग द्वारा कांग्रेस के पक्ष में मतदान करना पांच साल पहले उसकी हार के कुछ प्रमुख कारणों में से एक माना गया था।

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साल 2018 के चुनाव में BJP ने संख्या के आधार पर प्रभावशाली अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के साहू समुदाय से आने वाले 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन उनमें से 13 को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने किसी एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। राज्य में 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी। BJP को 15 सीटें हासिल हुई थीं।

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