2025 की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और मैदान में तीन राजनीतिक दल हैं - आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP)। राजधानी में बड़ी लड़ाई से पहले, भगवा पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट अभी नहीं आई। दूसरी ओर, प्रतिस्पर्धी पार्टियों, AAP और कांग्रेस ने अपनी प्रमुख सीटों और उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टक्कर देने के लिए तैयार हैं।
CNN-News18 ने बीजेपी के सूत्रों के हवाले से कहा है कि वे केजरीवाल के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे। मीडिया में ऐसे अटकलें हैं कि यह हाई प्रोफाइल सीट के लिए एक दोस्ताना लड़ाई हो सकती है या बीजेपी वोट-कटवा की भूमिका निभा सकती है।
JDU और LJP ने भी मांगी सीटें
सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि बीजेपी अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक करेगी और जल्द ही लिस्ट घोषित कर सकती है। सूत्रों ने कहा, “उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के लिए केवल एक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। बीजेपी कुछ सीटों के बंटवारे के बारे में JDU और LJP जैसे अपने सहयोगियों से भी बात करेगी।”
यह भी पता चला है कि केंद्र में मोदी सरकार में शामिल ये दोनों गठबंधन सहयोगी दिल्ली में चुनाव लड़ने के लिए कुछ सीटें पाने के लिए BJP के पास पहुंच गए हैं।
जहां तक मुद्दों का सवाल है, सूत्रों ने कहा कि BJP पूरे न होने वाले वादों और दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी AAP के भ्रष्टाचार पर फोकस करेगी, जहां लगभग पूरी कैबिनेट भ्रष्टाचार के आरोप पर जेल में है।
BJP सांसदों को दे सकती है टिकट
भगवा पार्टी परवेश सिंह वर्मा और रमेश बिधूड़ी जैसे कुछ पूर्व सांसदों को भी टिकट दे सकती है, जिन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों में टिकट नहीं मिला था। ऐसी अटकलें हैं कि परवेश केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि बिधूड़ी कालकाजी से मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।
ऐसी अफवाहें भी उड़ रही हैं कि बीजेपी दिल्ली चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अपना सीएम चेहरा बना सकती है। हालांकि, शीर्ष सूत्रों ने संकेत दिया, ''अभी तक किसी चेहरे की घोषणा का कोई संकेत नहीं है।''
AAP सरकार पिछले एक दशक से राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में है और वर्तमान में अपना तीसरा कार्यकाल चाह रही है। BJP 1980 के दशक में अपनी आखिरी जीत के बाद से दिल्ली में जीत हासिल नहीं कर पाई है, उम्मीद कर रही है कि सत्तारूढ़ सरकार के प्रदर्शन के साथ-साथ भ्रष्टाचार की छवि उनके लिए रास्ता बनाएगी।