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दिल्ली चुनाव 2025: कौन है AAP का अल्पसंख्यक चेहरा? 2020 में सभी मुस्लिम प्रत्याशियों ने हासिल की थी प्रचंड जीत

Delhi Assembly Election 2025: पिछले दो विधानसभा चुनाव यानी 2015 और 2020 के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी को मुस्लिम वोटों का एकतरफा समर्थन मिला है। राज्य की मुस्लिम प्रभाव वाली 11 सीटों की बात करें तो 2013 में इनमें से 6 सीटें कांग्रेस के पास होती थीं। 2015 में इनमें से 10 सीटें आप को मिलीं तो वहीं 2020 के चुनाव में 9 सीटें

Arun Tiwariअपडेटेड Jan 04, 2025 पर 6:15 AM
दिल्ली चुनाव 2025: कौन है AAP का अल्पसंख्यक चेहरा? 2020 में सभी मुस्लिम प्रत्याशियों ने हासिल की थी प्रचंड जीत
Delhi Election 2025: दिल्ली में सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेलने के बीच AAP की जंग कांग्रेस के साथ भी हो रही है

दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने की जुगत में 'सॉफ्ट हिंदुत्व' का कार्ड खेलती दिख रही है। पार्टी ने खूब जोर-शोर के साथ हिंदू पुजारियों और सिख ग्रंथियों को चुनाव जीतने पर 18,000 महीने देने का वादा किया है। 'पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना' के तहत मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18 हजार रुपए प्रति माह की सम्मान राशि दी जाएगी. केजरीवाल सरकार अपने इस कदम का खूब प्रचार कर रही है और यहां तक कह रही है कि बीजेपी को इस निर्णय से दिक्कत हो रही है।

वहीं बीजेपी कह रही है कि आप 'चुनावी हिंदू मोड' में आ चुकी है। अगर देश की राजनीति में वैचारिक स्थिति की तरफ देखें तो आप विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की सदस्य है और सेकुलर सिद्धांतों का जोर-शोर से प्रचार करती है। यही वजह है कि दिल्ली में सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेलने के बीच AAP की जंग कांग्रेस के साथ भी हो रही है। इस जंग की वजह मुस्लिम वोट हैं जिन पर पिछले दो चुनाव से आप का कब्जा है।

दो चुनाव में मुस्लिम वोट आप की तरफ गया

पिछले दो विधानसभा चुनाव यानी 2015 और 2020 के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी को मुस्लिम वोटों का एकतरफा समर्थन मिला है। राज्य की मुस्लिम प्रभाव वाली 11 सीटों की बात करें तो 2013 में इनमें से 6 सीटें कांग्रेस के पास होती थीं। 2015 में इनमें से 10 सीटें आप को मिलीं तो वहीं 2020 के चुनाव में 9 सीटें। यानी दिल्ली में मुस्लिम वोट का लगभग पूरा झुकाव आप की तरफ हो गया। 2020 में आप के सभी पांच मुस्लिम प्रत्याशी अपना चुनाव जीते थे। यही नहीं, मुस्लिम बहुल तीन सीटों पर दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई थी। लेकिन इस बार कहानी अलग नजर आ रही है।

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