हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी जीत की भविष्यवाणी की गई है, जबकि BJP को 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 46 सीटों के बहुमत के निशान से काफी पीछे रहने की उम्मीद है। एग्जिट पोल के आंकड़ों से पता चलता है कि कांग्रेस राज्य में मजबूत वापसी कर रही है और राज्य की सत्ता से उसका एक दशक पुराना अंतराल खत्म हो रहा है। एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों के अनुसार, कांग्रेस को 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 55 सीटें जीतने का अनुमान है, जहां बहुमत का आंकड़ा 46 है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ BJP 26 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है, JJP-आजाद समाज पार्टी 1 पर, INLD-BSP 1 पर और अन्य 8 पर।
Exit Poll के नतीजों के पांच बड़े मैसेज
परिणाम घोषित होने के बाद अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो ये साफ हो जाएगा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में जो रफ्तार पकड़ी थी, उसे विधानसभा चुनावों में भी बरकरार रखा है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका दिया, जिसने 2019 में 10 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार महज पांच सीटों पर सिमट कर रह गई।
अगर एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों पर यकीन किया जाए, तो 2014 से राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी हरियाणा में बहुमत से पीछे नजर आ रही है। भले ही हरियाणा में बीजेपी के नुकसान के पीछ कई बडे़ फैक्टर हों, लेकिन सत्ता-विरोधी लहर उनमें सबसे बड़ा हो सकता है।
माना जाता है कि दूसरे कार्यकाल के बीच में ही सत्ता परिवर्तन भी इस सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए ही किया गया था, जब बीजेपी ने सीएम मनोहर खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को लाया गया था। ऐसा लगता है कि जाटों का गुस्सा, बेरोजगारी, किसानों का गुस्सा और अग्निपथ योजना पर नाराजगी जैसे मुद्दे मतदाताओं पर हावी हो गए।
भविष्यवाणियां अगर वे नतीजों में तब्दील होती हैं, तो दो बार के मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता, भूपिंदर सिंह हुड्डा के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। हुड्डा कांग्रेस के वो योद्धा हैं, जिन्होंने अपने पद से हटने से इनकार कर दिया और न सिर्फ BJP बल्की अंदरूनी कलह से भी जूझ रहा है। एग्जिट पोल के अनुमानों के अनुरूप कांग्रेस के लिए नतीजे भी मुख्यमंत्री पद के लिए हुड्डा के दावे को मजबूत करेंगे।
हरियाणा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले चुनावों के उलट अभियान से लगभग अनुपस्थिति देखी गई, जबकि बीजेपी ने हमेशा पीएम के चेहरे को आगे रखा है। प्रधानमंत्री ने राज्य में केवल चार चुनावी रैलियों को संबोधित किया, जो पिछले चुनावों की तुलना में बहुत कम है।
राज्य चुनावों के लिए अपनी रणनीति के उलट, BJP भी आगे बढ़ी और पार्टी के सत्ता में लौटने पर नायब सैनी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। यह पूरी तरह से मोदी के बैनर तले चुनाव लड़ने की BJP की सामान्य रणनीति से अलग थी।
जैसा कि एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है, हरियाणा में जीत से कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर BJP के खिलाफ मजबूत स्थिति में आ जाएगी। हरियाणा हिंदी पट्टी का एक प्रमुख राज्य है, जहां परंपरागत रूप से कांग्रेस और BJP के बीच सीधा मुकाबला देखा जाता है।
हरियाणा में हार से एक प्रमुख राज्य बीजेपी के हाथ से निकल जाएगा, जो उस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, जो इस इलाके से अपनी ज्यादातर लोकप्रियता हासिल करती है। इस जीत से कांग्रेस को INDIA गुट में भी भारी प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि वह खुद को राष्ट्रीय स्तर पर BJP के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में स्थापित कर रही है।